कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से हैरान कर देने वाले मामले सामने आ रहे हैं. यहां बेंगलुरु के मकान मालिकों द्वारा किराएदारों साथ हो रहे उत्पीड़न पर स्टार्टअप फाउंडर श्रवण टिकू ने गहरी चिंता जताई. उन्होंने एक कपल के अनुभव को शेयर करते हुए बताया कि किस तरह एक जोड़ा ₹55,000 मासिक किराए पर रहने के बावजूद, मकान मालिक से हुए विवाद के कारण ₹1 लाख से अधिक खर्च करने को मजबूर हो गया. इसके बाद भी, जब उन्होंने किराए का मकान खाली किया, तो उनका ₹1.75 लाख का सिक्योरिटी मनी वापस नहीं की गई.
सोशल मीडिया प्लेटफार्म लिंक्डइन में एक पोस्ट शेयर करते हुए श्रवण टिकू ने बताया कि मकान मालिक ने सुरक्षा जमा की वापसी से इंकार करते हुए "फ्लैट की रखरखाव समस्याएं" बताई. उन्होंने इसे "आधुनिक समय का शोषण" करार देते हुए बेंगलुरु में नौकरी की तलाश में आए "गैर-स्थानीय लोगों" को चेतावनी दी.
जानिए क्या है पूरा मामला?
स्टार्टअप के संस्थापक श्रवण टिक्कू ने लिखा, "हाल ही में मैंने एक जोड़े का केस देखा, जिन्होंने ₹55,000 में 2BHK फ्लैट लिया. वे हर महीने किराया चुकाते थे, लेकिन जब भी फ्लैट में लीकेज या कोई और समस्या होती, मकान मालिक फोन तक नहीं उठाते थे. वे केवल प्रॉपर्टी के रखरखाव वाले व्यक्ति के माध्यम से संदेश भेजते थे, 'यह तुम्हारी समस्या है, इसे ठीक करो'.
उन्होंने आगे कहा, "इस जोड़े को इन समस्याओं को खुद ठीक करने के लिए ₹1 लाख से अधिक खर्च करने पड़े. जब उन्होंने फ्लैट खाली किया, तो मकान मालिक ने उनका ₹1.75 लाख का सुरक्षा जमा वापस नहीं किया. वे एक एसएमएस भेजकर बोले, 'फ्लैट को रखरखाव की आवश्यकता है, इस कारण आपको कुछ भी वापस नहीं मिलेगा.
मकान मालिक का रूखा व्यवहार और कपल की निराशा
जब जोड़े ने एक महीने का किराया काटकर बाकी जमा वापस करने की बात की, तो मकान मालिक ने इसे खारिज कर दिया और कहा, "जो करना है करो, लेकिन यही है." कोई कानूनी उपाय न होने के कारण, जोड़े को संपत्ति छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं मिला और उनका पूरा जमा कट गया.
टिंकू ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "जब किराया बढ़ाने की बात आती है, तो मकान मालिक सबसे पहले कॉल करते हैं, लेकिन जब कोई समस्या होती है, तो यह अचानक आपकी समस्या बन जाती है. मुझे पता है कि कुछ लोग इसे एक अलग मामला मान सकते हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि मैंने कई बार यह स्थिति देखी है.
बेंगलुरु में रहने का सपना या दुःस्वप्न?
टिकू ने गैर-बेंगलुरु निवासियों को चेतावनी दी, "अगर आप बेंगलुरु में आने का सपना देख रहे हैं, तो मेरी एक सलाह है: पहले यहां आने से पहले लोगों पर ध्यान दें. उन लोगों पर ध्यान दें जो आपको आपके असली रूप में स्वीकार करते हैं और घर किराए पर लेने या खरीदने में सतर्क रहें. अन्यथा, यह शहर जो हमारे लिए सपनों की तरह था, जल्दी ही एक दुःस्वप्न बन सकता है.
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने दी प्रतिक्रियाएं और सुझाव
इस पोस्ट के वायरल होने के बाद, एक शख्स ने सुझाव दिया कि किराएदारों और मकान मालिकों को एक दूसरे को रेटिंग देने का एक प्लेटफार्म होना चाहिए, जिससे इस समस्या का कुछ समाधान हो सके. एक अन्य यूज़र ने कहा, "यह सिर्फ बेंगलुरु की समस्या नहीं है. मुझे दिल्ली एनसीआर में भी यही स्थिति का सामना करना पड़ा है. जबकि, तीसरे यूजर्स ने टिप्पणी की, "बेंगलुरु अब रहने योग्य नहीं रहा.
एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA), युक्ति सेहगल ने इस स्थिति से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि किराएदारों को अपना रेंटल एग्रीमेंट किसी जानकार पेशेवर से जांचवाना चाहिए, संपत्ति की स्थिति की तस्वीरें लेनी चाहिए, और सभी संवादों को ईमेल के माध्यम से रखना चाहिए. साथ ही, उन्हें मकान मालिक को तीन महीने पहले सूचित करना चाहिए और सुरक्षा जमा की शर्तों को स्पष्ट करना चाहिए. अगर जमा को अनुचित तरीके से रोका जाता है, तो तुरंत कानूनी नोटिस भेजना चाहिए.