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प्राइवेट स्कूलों ने 30 फीसदी बढ़ाई फीस, पेरेंट्स का भड़का गुस्सा, शिक्षा मंत्री ने ने खड़े किए हाथ!

Bengaluru News: बेंगलुरु के कई प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ने की वजह से बच्चों के कई पेरेंट्स ने शिकायत की है. उनका शिकायत की है कि हर साल कई स्कूल में फीस 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो जाती है.

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Edited By: Princy Sharma
Bengaluru Private Schools Fee
Courtesy: Pinterest

Bengaluru Private Schools Fee: बेंगलुरु के कई प्राइवेट स्कूलों की फीस हर साल इतनी ज्यादा बढ़ जाती है जिसके कारण पेरेंट्स को बजट में कटौती करनी पड़ जाती है, ऐसे में बेंगलुरु में पेरेंट्स  ने शिकायत की है कि कैसे हर साल प्राइवेट स्कूलों की फीस में बढ़ोतरी की वजह से उन्हें कुछ ही सालों में बहुत ज्यादा पैसे चुकाने पड़ रहे हैं. शहर के प्राइवेट स्कूल नियमित रूप से 10-15 प्रतिशत तक फीस बढ़ाते हैं, जिसके कारण कई पेरेंट्स ने इस बोझ के बारे में शिकायत की है और कुछ मामलों में तो यह बढ़ोतरी 30 प्रतिशत तक भी हो जाती है. 

दो बच्चों की मां शालिनी ने बताया कि हर साल 10,000 की नियमित बढ़ोतरी ने उनके परिवार पर बोझ बढ़ा दिया है, क्योंकि 2 बच्चों के मामले में परिवार को भारी बढ़ोतरी का बोझ उठाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि सिर्फ 2 साल पहले, उन्होंने अपने प्रत्येक बच्चे की फीस के रूप में 42-44,000 रुपये खर्च किए हैं, लेकिन अब उन्हें सिर्फ 2 साल में 64-68 हजार का भुगतान करना पड़ रहा है.

‘वॉयस ऑफ पेरेंट्स’ ने उठाया सवाल

वहीं, एक अन्य पैरेंट मीना ने भी शिकायत की कि उनके दोनों बच्चों की फीस हर साल 10,000 बढ़ा दी जाती है, जबकि उन्हें टेक्सट बुक, ट्रांसपोर्ट और  यूनिफॉर्म की कीमतों में बढ़ोतरी का ज्यादा बोझ भी उठाना पड़ता है.  ‘वॉयस ऑफ पेरेंट्स ’ के महासचिव चिदानंद ने सवाल उठाया है कि हर साल इस तरह की फीस बढ़ोतरी कैसे सही है, जबकि पेरेंट्स की सैलरी में हर साल मुश्किल से 2-3 प्रतिशत की हाइक मिलती है. उन्होंने यह भी कहा है कि ज्यादातर स्कूल मई या जून में शैक्षणिक वर्ष (academic year) की शुरुआत से पहले फीस की पहली किस्त का भुगतान करने की मांग करते हैं और ज्यादातर स्कूल कभी भी फीस structure को अपडेट नहीं करते हैं. 

सचिव डी शशि कुमार ने क्या कहा?

कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के संघ के सचिव डी शशि कुमार ने कहा है कि यह बढ़ोतरी सही है क्योंकि हर साल operating costs में वृद्धि होती है, जिसमें शिक्षकों का वेतन भी शामिल है. शशि कुमार ने कहा है कि फीस बढ़ाना ठीक है लेकिन उन्होंने पेरेंट्स से आग्रह किया है कि यदि वृद्धि 30-40 प्रतिशत से अधिक हो जाती है तो वे शिकायत दर्ज करें.

शिक्षा मंत्री मधु बंगरप्पा ने कहा है कि सरकार निजी स्कूलों द्वारा की जाने वाली बढ़ोतरी पर लगाम लगाने के लिए बहुत कुछ नहीं कर सकती है, लेकिन वे कठोर वृद्धि से बचने का अनुरोध करेंगे. उन्होंने पेरेंट्स द्वारा सरकारी स्कूलों को एक ऑप्शन के रूप में विचार करने का भी समर्थन किया, उन्होंने कहा कि कितने नेता और पॉपुलर लोग सरकारी स्कूल में पढ़े हैं. हालांकि, परिषद के नेता चालावाड़ी नारायणस्वामी ने निजी स्कूलों द्वारा की गई भारी वृद्धि के लिए सरकार को दोषी ठहराया है और कहा है कि सरकार अपने हितों के लिए उन्हें समर्थन दे रही है.