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मेट्रो और बस के बाद बढ़ने वाला है ऑटोरिक्शा का किराया! बैठते ही देने होंगे 50 रुपये?

Bangalore Auto Rickshaw Services: बेंगलुरु मेट्रो और बस सेवाओं के किराए बढ़ने के बाद अब शहर के ऑटोरिक्शा किराए में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है. ऑटो चालक संघ के मांग के बाद आज बेंगलुरु सिटी डिस्ट्रिक्ट रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बैठक कर रही है. जिसमे यह फैसला लिया जा सकता है.

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Edited By: Shanu Sharma
Bangalore Auto Rickshaw Services
Courtesy: Social Media

Bangalore Auto Rickshaw Services: बेंगलुरु मेट्रो और बस सेवाओं के किराए में हाल में ही बढ़ोतरी की गई है. जिसके बाद अब बेंगलुरु के ऑटोरिक्शा किराए में भी बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है. ऑटो चालक संघ द्वारा लगातार इसे बढ़ाने की मांग की जा रही है. इस प्रस्तावित संशोधन पर चर्चा करने के लिए बेंगलुरु सिटी डिस्ट्रिक्ट रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी बुधवार को एक बैठक आयोजित की है.

अभी के समय में शहर में न्यूनतम ऑटो किराया ₹30 है. जिसमें पहले दो किलोमीटर के बाद ₹15 प्रति किलोमीटर का अतिरिक्त शुल्क है. हालांकि ऑटोरिक्शा चालक के संघ द्वारा आधार किराया बढ़ाकर ₹50 करने और प्रति किलोमीटर शुल्क बढ़ाकर ₹25 करने की मांग की जा रही है. 

ऑटोरिक्शा चालक संघ की मांग

वहीं रिपोर्ट से मिल रही जानकारी के मुताबिक परिवहन विभाग मामूली बढ़ोतरी पर विचार कर रही है. माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद न्यूनतम किराया ₹40 और प्रति किलोमीटर दर ₹20 रखा जा सकता है. स्वाभिमानी चालका संघटनेगाला ओक्कुटा के अध्यक्ष तनवीर पाशा ने कहा कि ऑटो किराए में किसी भी तरह की वृद्धि से अनिवार्य रूप से राइड-हेलिंग ऐप किराए में भी वृद्धि होगी. परिवहन प्राधिकरण की बैठक के बाद किराए में संशोधन पर अंतिम निर्णय होने की उम्मीद है.

मेट्रो और बस में घटी सवारी की संख्या

बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने पिछले महीने 8 फरवरी को अधिकारियों ने किराए में लगभग 100 प्रतिशत की वृद्धि की थी. इसके अलावा BMRCL ने पीक ऑवर के दौरान 5 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क का नया नियम लाया था. हालांकि इसके बाद यात्रियों संख्या में गिरावट देखने को मिली. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक  लेना शुरू कर दिया. वृद्धि लागू होने के दस दिन बाद सवारियों की संख्या घटकर 6.3 लाख प्रतिदिन रह गई है. वहीं मेट्रो सवारियों की संख्या में भी 2.3 लाख की गिरावट आई है. अधिकारियों का कहना है कि इस बदलाव के राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद थी. हालांकि ऐसा देखने को नहीं मिला.