Bengaluru gold smuggling case: अभिनेत्री रान्या राव के सौतेले पिता DGP रामचंद्र राव के खिलाफ कर्नाटक सरकार ने लिया बड़ा एक्शन, कंपलसरी छुट्टी पर भेजा

Bengaluru gold smuggling case: रान्या राव को 3 मार्च को बेंगलुरू के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे (KIA) पर गिरफ्तार किया गया था. उन्हें दुबई से बेंगलुरू लौटते वक्त 14.2 किलोग्राम सोने की छड़ों के साथ पकड़ा गया था, जिसकी कीमत लगभग ₹12.5 करोड़ थी.

Social Media

Ranya Rao Bengaluru gold smuggling case:  कर्नाटक सरकार ने शनिवार को राज्य के डीजीपी रैंक के अधिकारी के रामचंद्र राव को कंपलसरी छुट्टी पर भेज दिया.  वह गोल्ड स्मगलिंग मामले में गिरफ्तार की गईं एक्ट्रेस रान्या राव के सौतेले पिता हैं. ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि इस केस में किसी भी तरह का इमोशनल एंगल आए. 

कर्नाटक सरकार के एक आदेश के मुताबिक, "आईपीएस अधिकारी श्री. केवी शरथ चंद्रा को कर्नाटका राज्य पुलिस हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, बेंगलुरू के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के पद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है. साथ ही, डॉ. के रामचंद्र राव, आईपीएस को कंपलसरी छुट्टी पर भेजा गया है."

निदेशालय की राजस्व खुफिया (DRI) ने यह खुलासा किया कि यदि यह सोना कानूनी तरीके से आयात किया जाता, तो उस पर 38.5% की कस्टम ड्यूटी लगती, जो ₹4.83 करोड़ के आसपास होती.

रामचंद्र राव के खिलाफ चल रही जांच

कर्नाटक सरकार ने 11 मार्च को इस मामले में उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया. सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता को इस मामले की जांच सौंपने के साथ-साथ रान्या राव के सौतेले पिता, रामचंद्र राव की संलिप्तता की संभावना की भी जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा, सीबीआई भी इस मामले में एक अंतरराष्ट्रीय तस्करी सिंडिकेट का पता लगाने के लिए जांच कर रही है, जो हाई-प्रोफाइल व्यक्तियों को तस्करी के "मुंह" के रूप में इस्तेमाल करता है.

रान्या राव ने जांच अधिकारियों से यह दावा किया था कि दुबई हवाईअड्डे पर एक व्यक्ति, जो लगभग छह फीट लंबा और सफेद गाउन पहने हुए था, से उसने सोने की छड़े ली थीं. यह व्यक्ति रान्या से यह कहकर संपर्क में आया था कि वह उन्हें बेंगलुरू पहुंचने के बाद सोने को सौंपेगी.

इंटरपोल की भी ली जा रही है मदद

इस जांच में इंटरपोल की भी मदद ली जा सकती है, ताकि तस्करी नेटवर्क के बारे में और जानकारी जुटाई जा सके. सूत्रों के अनुसार, यह अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क यूएई के अलावा यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों में भी फैल सकता है.

साथ ही, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच शुरू कर दी है. वे यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि रान्या राव द्वारा की गई तस्करी का पैसा कहां और कैसे लगाया गया.