152 दिन के CM...फिर सत्ता के लिए बगावत, भतीजे के शासन में अब क्या होगा चंपई सोरेन का भविष्य?
सीएम की कुर्सी से हटाए जाने के बाद चंपई सोरेन ने जेएमएम से बगावत कर ली थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. माना जा रहा था कि चंपई के आने से झारखंड में बीजेपी सत्ता पलटने में कामयाब होगी लेकिन हेमंत सोरेन का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोला...

Jharkhand Assembly Election Result: झारखंड विधानसभा चुनाव में शनिवार को सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार चंपई सोरेन ने बड़ी जीत दर्ज की. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के गणेश महाली को 20,447 वोटों के अंतर से हराया. चंपई सोरेन के लिए यह एक अहम जीत है, क्योंकि उन्होंने पहले भी इस सीट से जीत दर्ज की है और उनका राजनीतिक करियर लंबे समय से इस क्षेत्र से जुड़ा हुआ है.
चंपई सोरेन की ऐतिहासिक जीत
चंपई सोरेन ने कुल 1,19,379 वोट हासिल किए, जो इस चुनाव में उन्हें एक बड़ी और प्रभावशाली जीत दिलाने में सफल रहे. वे पहले भी पांच बार सरायकेला से विधायक रह चुके हैं और उनका राजनीतिक अनुभव इस जीत में महत्वपूर्ण साबित हुआ. उनकी यह जीत न केवल बीजेपी के लिए एक सफलता है, बल्कि यह उनकी व्यक्तिगत राजनीतिक यात्रा का भी एक महत्वपूर्ण अध्याय है.
जेएमएम से बीजेपी में शामिल होने का फैसला
चंपई सोरेन का राजनीति में एक अहम मोड़ तब आया जब उन्होंने 28 अगस्त को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की. चंपई सोरेन का कहना था कि उन्होंने जेएमएम से इस्तीफा इस कारण दिया क्योंकि पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया था. जुलाई में जब हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद पर वापस लाने के लिए चंपई सोरेन को हटाया गया, तब उन्होंने महसूस किया कि पार्टी ने उनका अपमान किया है, जिसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होने का फैसला लिया.
बीजेपी और ‘घुसपैठियों’ का मुद्दा
चंपई सोरेन ने बीजेपी में शामिल होने के बाद यह दावा किया था कि हिंदुत्व की विचारधारा वाली पार्टी ही झारखंड में "बांग्लादेशी घुसपैठियों" के मुद्दे पर गंभीर है. बीजेपी ने बार-बार राज्य में अवैध मुस्लिम घुसपैठियों के बारे में बयान दिए हैं, हालांकि, इस दावे के समर्थन में कोई ठोस सबूत सामने नहीं आए हैं. बावजूद इसके, चंपई सोरेन ने अपने बयान को अपनी राजनीतिक यात्रा का हिस्सा बताया और इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताया.
152 दिनों के मुख्यमंत्री
चंपई सोरेन की राजनीति में एक और अहम मोड़ तब आया जब उन्हें झारखंड के मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त किया गया था. यह घटना फरवरी 2023 की है, जब हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. चंपई सोरेन को 2 फरवरी को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी गई, लेकिन उनकी यह यात्रा केवल 152 दिनों तक ही सीमित रही. 3 जुलाई को चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, ताकि हेमंत सोरेन पुनः मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल सकें.
जीत के बाद चंपई सोरेन की प्रतिक्रिया
चंपई सोरेन ने अपनी जीत पर खुशी जताते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत और जनता के विश्वास का परिणाम है. उन्होंने कहा, “मैं सरायकेला की जनता का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने मुझे इस चुनाव में समर्थन दिया. यह जीत उनके विश्वास और मेरे काम को सराहने का परिणाम है.” साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य क्षेत्र की समस्याओं को हल करना और लोगों की भलाई के लिए काम करना है.
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