menu-icon
India Daily

ईरान में हुई बेटे की मौत, 1 महीने तक मां-बाप ने किया लाश का इंतजार; जब ताबूत खोला तो उड़ गए होश!

Jharkhand News: अह्लाद के परिजनों को 28 मार्च को खबर मिली कि ईरान में एक शिप हादसे में उनकी मौत हो गई है. इसके बाद परिवार सरकार से गुहार लगाई कि बेटे की लाश को देश आने दें. 1 महीने तक इंतजार करने के बाद जब ताबूत खोला तो किसी को की लाश निकली.

auth-image
Edited By: Princy Sharma
Jharkhand News
Courtesy: Pinterest

Jharkhand News: झारखंड के मनोहरपुर में रहने वाले गरीब परिवार के पास जब बेटे अह्लाद नंदन महतो की मौत की खबर जब ईरान से आई, तो सब परिवार टूट गए थे. बेटे की लाश को देश लाने के लिए उन्होंने हर सरकारी दरवाजा खटखटाया, कागज पर हर प्रक्रिया पूरी की. लेकिन जब ताबूत खोला गया, तो आंखों के सामने जो आया, वह किसी सदमे से कम नहीं था. दरअसल, शव किसी और का था. 

अह्लाद के परिजनों को 28 मार्च को खबर मिली कि ईरान में एक शिप हादसे में उनकी मौत हो गई है. इसके बाद से परिवार दिन-रात गिनता रहा कब आएगा बेटा? लेकिन जब 1 महीने बाद 28 अप्रैल को शव आया और ताबूत खोला गया, तो जो शव मिला, वह यूपी के जौनपुर के शिवेंद्र प्रताप सिंह का निकला. परिवार की उम्मीदें चकनाचूर हो गईं. रोती मां और टूटे पिता अब यही सवाल कर रहे हैं कि हमारे अह्लाद का क्या हुआ?

एयरपोर्ट पर ताबूत खोलने की इजाजत नहीं

अह्लाद के भाई रघुनंदन महतो का आरोप है कि कोलकाता एयरपोर्ट पर उन्हें ताबूत खोलकर शव देखने की अनुमति नहीं दी गई. एक सीलबंद बॉक्स दे दिया गया और बस दस्तखत करवा लिए गए. परिजनों का आरोप है कि यह घटना सिर्फ एक गलती नहीं, बल्कि गरीबों के दर्द के साथ किया गया क्रूर मजाक है. 

'हम दिन-रात भाई...'

रघुनंदन महतो ने कहा, 'हम दिन-रात भाई के लिए रोते रहे, हर सरकारी प्रक्रिया पूरी की और अब हमारे घर कोई और की लाश भेज दी गई। क्या यह मजाक है?' फिलहाल, शव को चक्रधरपुर रेलवे अस्पताल के शीतगृह में रखा गया है और अब यह शिवेंद्र प्रताप सिंह के परिवार को सौंपा जाएगा.