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इस मंदिर में लगता है 'भूतों का मेला', हवन कुंड में पहुंचते ही इंसान करने लगते अजीब हरकतें, लाखों श्रद्धालुओं की जुटती है भीड़

झारखंड के पलामू जिले में एक मेला लगता है. उस मेले में भूतों की अदालत लगती है. झारखंड के साथ-साथ बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा से भी लोग यहां आते हैं. इस भूत मेले में लोग काले साये के प्रकोप से बचने के लिए आते हैं. कुछ लोग संतान के लिए भी आते हैं. ऐसे माता पिता जिनके बच्चे नहीं हो पाते हैं वो भी आर्शिवाद लेने आते हैं.

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Haunted Temple Jharkhand: बचपन में हम सभी मेला का नाम सुनते ही खुशी से झूमने लगते थे. तरह -तरह के पकवान, झूले, खिलौने और भी बहुत कुछ जो बच्चों के साथ - साथ बड़ो को भी अपनी ओर खींचते थे. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे मेले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जान कर आपको खुशी नहीं होगी बल्कि आपको डर लगेगा.

लेकर चलते हैं  आपको झारखंड के पलामू जिले में. यहां सदियों से एक ऐसे मेले का आयोजन हो रहा है जिसमें भूतों की अदालत लगती है. चौंकिए मत ये सच है. 

क्यों लगती है भूतों की ये अदालत? 

हमारे देश में परंपराओं और मान्यताओं का अनूठा संगम देखने को मिलता है. लेकिन कई बार ये मान्यताएं और लोगों का विश्वास अंधविश्वास में बदल जाता है.  झारखंड के पलामू में हैदरनगर देवी धाम रहस्यमयी मान्यताओं से घिरा हुआ है. दरअसल यहां हर साल भूत मेला लगता है. लोगों की यहां भारी भीड़ लगती है. दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. लोग यहां भूतों से आजाद होने और जिन लोगों के संतान नहीं हो पा रहे हैं वो संतान के लिए आर्शिवाद लेने आते हैं.

कहां लगती है भूतों की अदालत

इस अदालत तक पहुंचने के लिए आपको पलामू मुख्यालय मेदिनीनगर से करीब 80 किलोमीटर दूर जाना होगा. जहां आपको हैदरनगर देवी धाम मिलेगा. लोग इसे शक्ति पीठ के नाम से भी जानते हैं.

कब लगेगा यह मेला?  

चैत्र मास में ही यह मेला लगता है. मंदिर के पुजारी की मानें तो साल 2025 में इस मेले का आयोजन 30 मार्च 2025 से आरंभ होगा. 12 अप्रैल 2025 को इस मेले की समाप्ति होगी. हर साल यहां लाखों लोग जुटते हैं. 

कहां-कहां से आते हैं लोग 

इस मेले में ना केवल झारखंड से लोग जुटते हैं बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग आते हैं. इनमें बिहार, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और अन्य राज्य शामिल हैं. हालांकि इस मेले को लेकर कई लोगों की अपनी -अपनी राय है. कुछ लोग इसे सही मानते हैं तो कुछ लोग इसे अंधविश्वास कहते हैं. 

भूत प्रेत से मुक्त करने का दावा

दावा किया जाता है कि पुजारी यहां श्रद्धालुओं को प्रेत से आजाद करवाते हैं. लोगों का कहना है कि जैसे ही इंसान हवन कुंड के पास पहुंचते हैं वैसे ही वो अजीबो गरीब हरकतें करने लगते हैं. पीड़ित व्यक्ति जोर-जोर से नाचने लगता है. तांत्रिक और पुजारी मिल कर एक खास अनुष्ठान करते हैं और शख्स को भूतों से आजाद करवाते हैं. मान्यता है कि इसके बाद पीड़ित सही हो जाता है.