बिहार में पूर्ण शराबबंदी है. हालांकि पड़ोसी राज्य झारखंड से शराब बड़ी खेप में बिहार अवैध रूप स्मगल होता है. अब एक खुशखबरी ये है कि झारखंड में नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद शराब की कीमत कम हो सकती है. फिलहाल राज्य में शराब पर 75 प्रतिशत वैट लगता है. अब वैट पांच फीसदी करने की योजना है. अगर वैट कमता है कि राज्य में शराब के दाम काफी कम हो जाएंगे.
उत्पाद और मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड के पड़ोसी राज्यों पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ में शराब पर लगनेवाला वैट काफी कम है. लोग यहां से शराब खरीद कर झारखंड में लाते हैं. इससे राज्य को आर्थिक नुकसान होता है. इसलिए नई उत्पाद नीति में शराब पर वैट कमाया जाएगा.
राज्य सरकार ने नई उत्पाद नीति को अंतिम रूप देने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं. इस नीति के ड्राफ्ट को विभागीय मंत्री की सहमति मिल चुकी है और इसे अब राजस्व परिषद, वित्त विभाग तथा विधि विभाग के पास स्वीकृति के लिए भेजा गया है. संबंधित विभागों से हरी झंडी मिलने के बाद नीति को कैबिनेट की मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार, यह नीति 1 जून, 2025 से लागू हो सकती है.
शराब की कीमतों में कमी
नई उत्पाद नीति के लागू होने के बाद राज्य में शराब की कीमतों में कमी आने की संभावना है. वैट (मूल्य वर्धित कर) में कटौती के फैसले से शराब के दाम कम हो सकते हैं, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा. इस कदम से न केवल शराब की बिक्री को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी, बल्कि अवैध शराब के कारोबार पर भी अंकुश लगेगा.
ई-लॉटरी से होगा शराब दुकानों का आवंटन
नई नीति के तहत शराब की खुदरा दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए बड़ा बदलाव किया गया है. अब दुकानों का आवंटन पारंपरिक तरीकों के बजाय ई-लॉटरी के माध्यम से होगा. इसके लिए राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया है. इस सॉफ्टवेयर का परीक्षण जल्द ही शुरू होने वाला है. विभागीय स्तर पर सॉफ्टवेयर के परीक्षण के लिए मुख्यालय और क्षेत्रीय उत्पाद कार्यालयों में विशेष समितियों का गठन किया गया है. इन समितियों ने सॉफ्टवेयर के परीक्षण का काम शुरू कर दिया है. यह कदम न केवल आवंटन प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार की आशंकाओं को भी कम करेगा.