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CM हेमंत सोरेन को कांग्रेसी नेताओं ने लिखा पत्र-2 कानून को जल्द रद्द करने की मांग की

झारखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है. इसमें हेमंत सोरेन से कांग्रेस विधायक दल ने एक पत्र लिखा है. पत्र में नेताओं ने हेमत सोरेन की सरकार से 2 कानूनों को रद्द करने की मांग रखी है.

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Edited By: Madhvi Tanwar
झारखंड सीएम
Courtesy: Social Media

झारखंड से बड़ी खबर सामने आ रही है. इसमें हेमंत सोरेन से कांग्रेस विधायक दल ने एक पत्र लिखा है. पत्र में नेताओं ने हेमत सोरेन की सरकार से 2 कानूनों को रद्द करने की मांग रखी है. इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं ने पत्र में यह भी कहा है कि, दलित समुदायों के सभी लोगों को जातिय प्रमाण पत्र दिया जाए. इसके साथ ही भूमिहीन दलित परिवारों को जमीन भी आवंटित की जाए. 

रामेश्वर उरांव व प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने लिखा सीएम को पत्र

दरअसल झारखंड कांग्रेस पार्टी के विधायक दल के नेता रामेश्वर उरांव व प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा. इस पत्र में दल के नेताओं ने लैंड बैंक व भूमि अधिग्रहण के संशोधित कानून को जल्द से जल्द रद्द करने की मांग की. पत्र में दल के नेताओं ने यह दलित समुदायों के लिए जाति प्रमाण पत्र आवंटन को निर्गत करने की प्रक्रिया को आसान बनाते हुए सभी को जाति प्रमाण पत्र देने की भी मांग की. साथ में भूमिहीन दलित परिवारों को जमीन पट्टा देने की भी मांग की गई.

पूर्व के मुद्दे को भी उठाया

पूर्व की बात करते हुए पत्र में मुख्यमंत्री को इस बात से भी अवगत कराया कि- रघुवर दास सरकार द्वारा झारखंड के 22 लाख एकड़ की सामुदायिक जमीन को लैंड बैंक में डाल गया था. इसके लिए ग्राम सभा से भी किसी तरह की कोई सहमति नहीं ली गयी. यह लैंड बैंक कानून का खुलेआम उल्लंघन बताया गया. आदिवासी गांव में गांव की सामुदायिक जमीन का विशेष तौर पर काफी ज्यादा महत्त्व रहा है. 

आखिर क्यों बताया पेसा कानून का उल्लंघन

झारखंड कांग्रेस का कहना है कि पूर्व में भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए जमीन अधिग्रहण कानून (झारखंड) संशोधन, 2017 के तहत निजी व सरकारी परियोजनाओं पर ग्राम सभा की बगैर सहमति लिए व सामाजिक प्रभाव आंकलन के बहुफसलीय भूमि समेत निजी और सामुदायिक भूमि पर जबरन कब्जे का प्रावधान रहा. जो सीधे तौर पर पेसा कानून का उल्लंघन है. इसी के आधार पर पत्र में झारखंड कांग्रेस के विधायक दल द्वारा मांग कर जल्द लैंड बैंक और भूमि अधिग्रहण कानून (झारखंड) संशोधन, 2017 को रद्द किया जाए.

दलितों के समस्याओं का किया उल्लेख

कांग्रेस विधायक दल के 2 बड़े नेता दलितों की आवाज बनकर उभरे हैं. उन्होंने पत्र के माध्यम से दलित समुदायों को जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध करवाने के मुद्दे को भी उठाया. क्योंकि पूर्व में दलितों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा था. बता दें कि झारखंड में भुइयां, डोम, वाल्मीकि, बांसझोर समेत 27 दलित (अनुसूचित जाति) जाति व उपजाति हैं. इनमें ज्यादातर दलित भूमिहीन हैं. राज्य के लाखों दलित परिवार के लोगों का अभी भी जाति प्रमाण पत्र नहीं बना. पत्र के माध्यम से दोनों नेताओं ने मांग को रखा. नेताओं ने पत्र में लिखा की जाति प्रमाण पत्र पाने की जो प्रक्रिया है उसे आसान किया जाए. सभी भूमिहीन दलित परिवारों को जमीन दी जाए.