'अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो..', शिवराज चौहान ने झारखंड में NRC का किया वादा
Jharkhand BJP NRC Promise: झारखंड में भाजपा ने सत्ता में आने पर एनआरसी को लागू करने का वादा किया है. केंद्रीय मंत्री और भाजपा के सीनियर नेता शिवराज ने भाजपा के सत्ता में आने पर इसे लागू करने का वादा किया. भाजपा ने बार-बार 'बांग्लादेशी घुसपैठियों' की ओर से कथित तौर पर आदिवासी महिलाओं से शादी करने, जमीन खरीदने और राज्य में स्थानीय लोगों के लिए निर्धारित नौकरियों पर कब्जा करने का मुद्दा उठाया है.
Jharkhand BJP NRC Promise: केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि यदि भाजपा झारखंड में सत्ता में आती है तो राज्य में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर लागू किया जाएगा. झारखंड के कोल्हान संभाग के बहरागोड़ा में बोलते हुए चौहान ने कहा कि एनआरसी को लागू किया जाएगा, ताकि विदेशी घुसपैठिए आधार कार्ड न बना सकें और अपना नाम मतदाता पहचान पत्र में दर्ज न करा सकें.
भाजपा ने बार-बार बांग्लादेशी घुसपैठियों की ओर से आदिवासी महिलाओं से शादी करने, ज़मीन खरीदने और राज्य में स्थानीय लोगों के लिए निर्धारित नौकरियों को हड़पने का मुद्दा उठाया है. 12 सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट में दायर एक हलफनामे में, गृह मंत्रालय ने कहा कि केंद्र झारखंड के कुछ हिस्सों में अवैध प्रवास के बारे में चिंतित और सतर्क है, लेकिन किसी भी भूमि-संबंधी मामले में बांग्लादेशी प्रवासियों से संबंध अभी तक स्थापित नहीं हुए हैं.
मुख्य चुनाव आयुक्त ने किया रांची का दौरा
इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के सदस्यों ने सोमवार को राज्य में चुनाव तैयारियों के संबंध में रांची का दौरा किया, जहां इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. राज्य भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने टीम के साथ बैठक की और उनसे आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था करें कि कथित घुसपैठिए मतदान न कर सकें.
राज्य भाजपा ने झारखंड की गृह सचिव वंदना दादेल के ‘कार्य और व्यवहार’ पर भी सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि वह ‘एक राजनीतिक पार्टी कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रही हैं. दादेल ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय कृषि मंत्री चौहान पर विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने की प्रवृत्ति रखने और राज्य के शीर्ष नौकरशाहों को धमकाने का आरोप लगाया था.
प्रदेश भाजपा ने कहा कि इसके अलावा, पिछले दिनों भी वंदना दादेल ने ईडी को पत्र लिखकर नोटिस की वैधता के बारे में पूछा था. यह अधिकारी का काम नहीं है, यह राजनीतिक पार्टी का काम है. इसलिए, वंदना दादेल को चुनाव कार्य से मुक्त रखने की मांग की गई है, तभी स्पष्ट रूप से निष्पक्ष चुनाव हो सकेंगे.