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झारखंड में कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड की शुक्रवार को होने वाली परीक्षा स्थगित, जानें Exam की अगली तारीख

झारखंड अधिविद्य परिषद के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा की नई तिथि को लेकर छात्रों को जल्द ही सभी जरूरी दिशानिर्देश दिए जाएंगे. परीक्षार्थियों को सलाह दी गई है कि वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट के लिए नज़र बनाए रखें.

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Edited By: Reepu Kumari
JAC Board Exam 2025
Courtesy: Pinterest

JAC Board Exam 2025: झारखंड अधिविद्य परिषद (JAC) ने शुक्रवार को होने वाली कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की है. यह निर्णय राज्य सरकार द्वारा ‘शब-ए-बारात’ के अवसर पर अवकाश घोषित किए जाने के कारण लिया गया है.

झारखंड अधिविद्य परिषद ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार द्वारा घोषित अवकाश को ध्यान में रखते हुए परीक्षा को पुनर्निर्धारित किया गया है. परीक्षा अब 4 मार्च को आयोजित की जाएगी. 

परीक्षा स्थगन से प्रभावित छात्र

इस निर्णय से झारखंड बोर्ड के हजारों छात्र प्रभावित होंगे, जो शुक्रवार को परीक्षा देने की तैयारी कर रहे थे. हालांकि, परीक्षा तिथि आगे बढ़ने से छात्रों को अतिरिक्त तैयारी का अवसर मिलेगा. 

अधिकारियों ने दी स्थिति की जानकारी

झारखंड अधिविद्य परिषद के अधिकारियों ने बताया कि परीक्षा की नई तिथि को लेकर छात्रों को जल्द ही सभी जरूरी दिशानिर्देश दिए जाएंगे. परीक्षार्थियों को सलाह दी गई है कि वे बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट के लिए नज़र बनाए रखें.

शब-ए-बारात के अवसर पर अवकाश

शब-ए-बारात मुस्लिम समुदाय का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे प्रार्थना और इबादत के साथ मनाया जाता है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने अवकाश घोषित किया था, जिसके कारण परीक्षा तिथि में बदलाव किया गया है.

शब-ए-बारात का महत्व

इस्लाम धर्म में शब-ए-बारात को बेहद खास रात माना जाता है. यह रात माफी, रहमत और दुआओं की रात होती है, जब अल्लाह अपने बंदों के गुनाह माफ करते हैं और उनके मुकद्दर का फैसला करते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, शब-ए-बारात शाबान महीने की 14वीं रात को मनाई जाती है. इस अवसर पर मुसलमान पूरी रात इबादत में गुजारते हैं और अपने गुनाहों की तौबा करते हैं.

शब-ए-बारात की धार्मिक मान्यताएं

इस रात को लेकर कई इस्लामिक मान्यताएं हैं. ऐसा माना जाता है कि इसी रात अल्लाह तआला हर व्यक्ति के अगले साल के नसीब का लेखा-जोखा तय करते हैं. इसी वजह से इसे तक़दीर की रात भी कहा जाता है. पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने भी इस रात की अहमियत बताई है और इसमें इबादत करने की हिदायत दी है.