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Hemant Soren Swearing-In Ceremony: चौथी बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हेमंत सोरेन, इस तारीख को लेंगे CM पद की शपथ

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. 28 नवंबर को वे झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. यह चौथी बार है जब वह सीएम पद की शपथ लेंगे.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Hemant Soren swearing-in ceremony

Jharkhand News: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. 28 नवंबर को वे झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. यह चौथी बार है जब वह सीएम पद की शपथ लेंगे. इससे पहले, 27 नवंबर को सोरेन ने राज्य के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया, और शपथ ग्रहण समारोह की तारीख 28 नवंबर तय की गई.

सोरेन ने दिया इस्तीफा, फिर किया दावा

सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल से मुलाकात की और गठबंधन सहयोगियों के समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा प्रस्तुत किया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'मैंने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है, और सहयोगी दलों का समर्थन पत्र भी उन्हें सौंपा है. राज्यपाल ने हमें सरकार बनाने का आमंत्रण दिया है, और शपथ ग्रहण समारोह 28 नवंबर को होगा.'

झारखंड विधानसभा चुनाव में जबरदस्त वापसी
इस बार के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की अगुवाई में झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 56 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया. दूसरी ओर, भाजपा की अगुवाई वाला NDA केवल 24 सीटें ही जीत सका. सोरेन ने अपनी पारंपरिक बरहेट सीट से बीजेपी के गामलील हेम्ब्रम को 39,791 वोटों के बड़े अंतर से हराया.

हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर
हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफर संघर्षों और उपलब्धियों से भरा रहा है. उन्होंने 2009 में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, जब वे राज्यसभा सदस्य बने थे, लेकिन उन्होंने 2010 में इस्तीफा देकर अरुण मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री बनने का निर्णय लिया था. हालांकि, गठबंधन टूटने के बाद उन्हें राष्ट्रपति शासन का सामना करना पड़ा.

झारखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री रहे

2013 में, हेमंत सोरेन ने झारखंड के सबसे युवा मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी, लेकिन 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद उन्हें विपक्षी नेता बनना पड़ा. फिर 2016 में, जब बीजेपी सरकार ने आदिवासी भूमि संरक्षण के कानूनों में संशोधन की कोशिश की, तो सोरेन ने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू किया, जिससे उन्हें जनता का समर्थन मिला और वे फिर से सत्ता में लौटे.

2019 में, अपनी पार्टी JMM के नेतृत्व में सोरेन ने कांग्रेस और राजद के सहयोग से फिर से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली. इस बार उनकी पार्टी ने 81 सदस्यीय विधानसभा में 34 सीटें जीतीं, जो उनकी लोकप्रियता का संकेत था.

व्यक्तिगत संघर्ष और शपथ ग्रहण
सोरेन के लिए यह चुनाव और उनका मुख्यमंत्री पद तक का सफर किसी व्यक्तिगत संघर्ष से कम नहीं था. जनवरी 2022 में एक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद उन्हें 5 महीने जेल में रहना पड़ा, लेकिन बाद में उन्हें जमानत मिली. अब, वे अपने चौथे कार्यकाल में मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं. हेमंत सोरेन की शपथ ग्रहण 28 नवंबर को होने जा रही है और इस बार उनका शासन आदिवासी अधिकारों के संरक्षण और झारखंड के समग्र विकास के लिए नई योजनाओं के साथ आगे बढ़ेगा.