Aman Sahu Encounter: झारखंड पुलिस के आतंकवाद विरोधी दस्ते (ATS) ने कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को मुठभेड़ में मार गिराया. यह कार्रवाई एनटीपीसी अधिकारी कुमार गौरव की हत्या के महज तीन दिन बाद हुई, जिसमें अमन साहू गिरोह के शामिल होने का संदेह था. बता दें कि अमन साहू को रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था, जब उसके साथियों ने पलामू जिले के अन्हारी धौंरा में पुलिस वैन पर बम फेंककर उसे छुड़ाने की कोशिश की. इस दौरान गोलाबारी शुरू हो गई, जिसमें साहू पुलिस की जवाबी फायरिंग में मारा गया.
मुठभेड़ पर राजनीति गरमाई, जांच की मांग
विधानसभा में इस मुठभेड़ को लेकर तीखी बहस हुई. सत्तारूढ़ दल और विपक्ष ने इसे लेकर अलग-अलग रुख अपनाया.
परिवार ने उठाए सवाल, पुलिस पर लगाया फर्जी एनकाउंटर का आरोप
बता दें कि अमन साहू के परिवार ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया और न्यायिक जांच की मांग की. साहू का भाई आकाश साहू, जो खुद जेल में बंद है, ने वकील के जरिए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए.
130 से ज्यादा मामलों में था वांछित
हालांकि, अमन साहू पर हत्या, जबरन वसूली और गोलाबारी सहित 130 से अधिक मामले दर्ज थे. उसका नेटवर्क झारखंड, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ तक फैला था. वह 2022 से जेल में बंद था और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के करीबी के रूप में भी पहचाना जाता था.