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चुनाव आयोग को आई झारखंड सरकार से लिखी चिट्ठी,आखिर किस बात पर जताई आपत्ति?

झारखंड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है. राजधानी रांची में चुनाव आयोग की टीम ने जहां एका-एक तैयारियां शुरु कर दी है तो दूसरी तरफ चुनाव आयोग की टीम कई राजनीतिक दलों व पुलिस और अन्य लोगों के साथ पहले ही बैठक कर चुकी है.

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Edited By: Madhvi Tanwar
झारखंड
Courtesy: Social Media

झारखंड में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है. राजधानी रांची में चुनाव आयोग की टीम ने जहां एका-एक तैयारियां शुरु कर दी है तो दूसरी तरफ चुनाव आयोग की टीम कई राजनीतिक दलों व पुलिस और अन्य लोगों के साथ पहले ही बैठक कर चुकी है. चुनाव की तैयारी पूर्व से ही इसलिए शुरु की थी, जिससे आगे आने वाले दिनों में किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. लेकिन तैयारियों के बीच ही झारखंड सरकार ने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है. 

झारखंड सरकार से आई चिट्ठी 

झारखंड सरकार से आई चिट्ठी के बाद चुनाव आयोग ने इसपर आपत्ति जताते हुए कैबिनेट के सचिव को फटकारा है. बता दे कि यह चिट्ठी पीछले महीने झारखंड कैबिनेट के सचिव ने लिखी थी पत्र को चुनाव आयोग ने अवांछित कथा के प्रचार का करार दे डाला. आयोग ने यह भई कहा कि झारखंड काडर के IAS अधिखारी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए. मंजूनाथ भजंत्री पर भाजपा नेता ने गलत इरादे से केस दर्ज करने का आरोप लगाया था. आयोग ने 30 सितंबर को झारखंड के मख्य सचिव को लिखे पत्र में इस बात का जिक्र भी किया. 

पूर्व में भी एक पत्र ने मचाया था हंगामा

एक दैनिक अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव आयोग ने 2 सिंतबर को कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने एक पत्र भेजा था. पत्र में संघीय ढांचे के उल्लंघन की शिकायते की गई साथ ही उसकी संरचना के उल्लंघन का भी मामला सामने आया. ऐसे में आरोप लगा ता कि असम के सीएम हिंमत बिस्वा सरमा और केंद्रिय मंत्रई शिवराज सिंह चौहान होने वाले विधानसभा चुनावों की घोषणा से पूर्व कई क्षेत्रों में रहने वाले विभिन्न समुदायों में नफरत फैलाने का काम करेंगे. 

दादेल के पत्र ने खोली नौकरशाहों की पोल

दादेल के पत्र में यह भी लिका था कि भाजपा नेता सरकारी कर्मियों को अपनी ड्यूटी पूरी करने से रोकते हैं. नौकरशाहों के खिलाफ की इन शिकायतों की जब जांच की कई तो वह निष्पक्ष पाई गई. चुनाव आयोग ने दादेल के पत्र का जबाव देते हुए लिखा कि यह पत्र संघीय ढांचे के उल्लंघन की एक अवांछित कथा को बढ़ावा देने के लिए प्रचार करने का माध्यम है. अपने पत्र में हाई कोर्ट के फैसले का चुनाव आयोग ने हवाला दिया. 

आखिर किसने की थी शिकायत

दरअसल यहां गौर करने वाली यह है कि भजंत्री के खिलाफ चुनाव आयोग द्वारा निर्देश उस समय मिले जब गोड्डा के सांसद निशिकांत दुबे ने इसे लेकर शिकायत की थी. दुबे द्वारा मिली शिकायत के आधार पर भजंत्री उस समय देवघर के उपायुक्त थे, जिला प्रशसन ने साल 2021 में उपचुनाव की पृष्ठभूमि में इनके ऊप गलत तरीके से 5 केस दर्ज करवाए थे. ऐसे में अब देखना यह रोचक होगा कि सरकार को अब चुनाव क्या वापस कोई चिट्ठी भेजेगा?