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India Daily

गुरुग्राम में बड़ा विवाद! आंबेडकर की मूर्ति तोड़ी, क्या यह सिर्फ एक घटना है या कुछ और?

हरियाणा के गुरुग्राम जिले के कांकरोला गांव स्थित आंबेडकर कॉलोनी में कुछ उपद्रवियों ने संविधान निर्माता बी.आर.आंबेडकर की प्रतिमा को कथित तौर पर क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसके बाद गांव में तनाव फैल गया. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी.

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Edited By: Anvi Shukla
B.R.Ambedkar
Courtesy: social media

गुरुग्राम जिले के एक गांव में भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा को तोड़े जाने के बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया है. इस घटना ने स्थानीय समुदायों के बीच गहरी असंतोष और आक्रोश पैदा कर दिया है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और स्थिति को काबू में करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया है.

गुरुग्राम के एक गांव में स्थित आंबेडकर की प्रतिमा को कुछ समाज विरोधी लोगों द्वारा तोड़ा गया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. यह प्रतिमा गांव के मुख्य चौक पर लगी हुई थी और आंबेडकर के योगदान को याद करने के लिए स्थापित की गई थी. प्रतिमा तोड़े जाने की घटना ने लोगों को उकसाया, और इससे क्षेत्र में हिंसा और तनाव का डर पैदा हो गया है.

घटना की जानकारी:

प्रतिमा तोड़े जाने के बाद, गांव के लोग गुस्सा आ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे. लोगों ने आरोप लगाया कि यह कर्म जानबूझकर उनके सामाजिक और धार्मिक सम्मान को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया. कई लोग मौके पर जमा हो गए और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की. क्षेत्र में तनाव बढ़ने के कारण पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति को शांत करने के लिए कई उपाय किए हैं.

गुरुग्राम पुलिस ने इस घटना को लेकर तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही है. पुलिस ने कहा कि उन्हें सूचना मिलते ही मौके पर पहुंच गए थे और आरोपियों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है. इसके अलावा, गांव में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की घटना से बचा जा सके. पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी भी स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.

इस घटना के बाद राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. विभिन्न दलों के नेताओं ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. आंबेडकर के अनुयायी और उनके समर्थक इस घटना को सामाजिक सौहार्द्र के लिए एक बड़ी चुनौती मानते हैं और उन्होंने इसे निंदनीय बताया है.