Haryana Cabinet Formation: हरियाणा में भाजपा की लगातार तीसरी बार रिकॉर्ड जीत के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली नई सरकार में चार महिला मंत्री शामिल होने की संभावना है, जबकि पिछली कैबिनेट में केवल एक महिला मंत्री थी. नायब सिंह सैनी गुरुवार को शपथ लेंगे.
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में चुनी गई 13 महिला विधायकों में से पांच भाजपा से हैं, जबकि 2019 में नौ महिला विधायक चुनी गई थीं. हिसार से निर्वाचित निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल ने भाजपा को समर्थन दिया है. सूत्रों ने बताया कि जिंदल के अलावा अटेली से विधायक आरती राव जो केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं, तोशाम से विधायक श्रुति चौधरी जो पूर्व सीएम बंसीलाल की पोती हैं और राई से विधायक कृष्णा गहलावत कैबिनेट में जगह बनाने की दौड़ में सबसे आगे हैं.
गहलावत (62) जाट समुदाय से आती हैं और उन्होंने राई से चुनाव जीता है. यह सीट पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ मानी जाती है और वह 2014 में यहां से हार गई थीं.
गहलावत 1996 में बंसीलाल के नेतृत्व वाली भाजपा-विकास पार्टी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी सोनीपत, रोहतक और झज्जर के जाट क्षेत्र में अपना आधार बढ़ाने के लिए उन्हें कैबिनेट में जगह दे सकती है.
अटेली से पहली बार विधायक बनीं 45 वर्षीय आरती ने 3,085 वोटों के मामूली अंतर से जीत हासिल की है. वे रिकॉर्ड 15 बार राष्ट्रीय स्कीट शूटिंग चैंपियन रह चुकी हैं और पिछले साल उन्हें हरियाणा पैरा स्पोर्ट्स एसोसिएशन का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उनके पिता राव इंद्रजीत सिंह, जो रेवाड़ी के पूर्व राजघराने से हैं, 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे.
उनके समर्थक पहले उन्हें भावी मुख्यमंत्री के तौर पर पेश कर रहे थे, लेकिन जब से भाजपा ने सैनी को अपना चेहरा घोषित किया है, वे पार्टी पर दबाव डाल रहे हैं कि वे आरती को उनका उचित राजनीतिक हिस्सा दे और उनके लिए उपमुख्यमंत्री का पद मांग रहे हैं.
लॉ ग्रेजुएट 49 साल की श्रुति चौधरी विधानसभा चुनाव से पहले अपनी मां किरण के साथ कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गई थीं. भिवानी-महेंद्रगढ़ से पूर्व सांसद, उन्होंने तोशाम सीट पर 14,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की. जबकि उनके समर्थकों को भरोसा है कि वे मंत्री बनेंगी, श्रुति अधिक सतर्क हैं. मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय पार्टी हाईकमान द्वारा लिए जाते हैं. सूत्रों ने बताया कि उन्हें कोई महत्वपूर्ण विभाग दिए जाने की संभावना है.
भारत की सबसे अमीर महिला और भाजपा के कुरुक्षेत्र से सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ओपी जिंदल समूह की अध्यक्ष हैं. भाजपा की ओर से टिकट न दिए जाने के बाद उन्होंने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा था. प्रभावशाली बनिया समुदाय से ताल्लुक रखने वाली सावित्री 2005 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में अपने पति की मौत के बाद राजनीति में शामिल हुईं और 2005 में हिसार विधानसभा उपचुनाव जीतीं. वे पिछली हुड्डा सरकारों में दो बार मंत्री रह चुकी हैं. वे 2014 में हिसार से चुनाव हार गईं और 2019 का चुनाव भी नहीं लड़ीं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव से पहले वे नवीन के साथ भाजपा में शामिल हो गईं थीं.
भाजपा नए चेहरों की तलाश कर रही है क्योंकि केवल दो मंत्री (महिपाल ढांडा और मूलचंद शर्मा) विधानसभा चुनाव जीते हैं जबकि सात अन्य हार गए हैं. सीनियर भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अनिल विज, राव नरबीर सिंह, कृष्ण लाल पंवार, विपुल गोयल और कृष्ण बेदी, तीन बार के विधायक हरविंदर कल्याण, पूर्व डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा और पूर्व सांसद अरविंद शर्मा के नाम चर्चा में है.