Savitri Jindal: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा से टिकट की दावेदार कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद नवीन जिंदल की मां सावित्री जिंदल ने गुरुवार को हिसार सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने के अंतिम दिन, प्रसिद्ध उद्योगपति ओपी जिंदल की पत्नी 74 वर्षीय सावित्री जिंदल, हरियाणा के मंत्री और हिसार से मौजूदा विधायक कमल गुप्ता के खिलाफ मैदान में उतरीं हैं.
फोर्ब्स इंडिया ने सावित्री जिंदल को इस साल देश की सबसे अमीर महिला बताया है, जिनकी कुल संपत्ति 29.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किये जायेंगे.
सबका विश्वास, हिसार में परिवर्तन और विकास
— Savitri Jindal (@SavitriJindal) September 12, 2024
आज नामांकन के बाद जिन्दल हाउस, हिसार में अपने परिवार से आत्मीय मुलाकात हुई। आप सभी के स्नेह, समर्थन और आशीर्वाद के लिए ह्रदय से आभार व्यक्त करती हूँ।
बाऊ जी ओम प्रकाश जिन्दल जी का जो सपना था, उस हिसार के उज्ज्वल भविष्य को हम सब मिलकर… pic.twitter.com/fn1Qk1lxem
नामांकन दाखिल करने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने हिसार के विकास और बदलाव के लिए सेवा करने का संकल्प लिया है. हिसार के लोग मेरा परिवार हैं और ओम प्रकाश जिंदल ने इस परिवार के साथ मेरा रिश्ता स्थापित किया था. सावित्री जिंदल ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद कहा कि जिंदल परिवार ने हमेशा हिसार की सेवा की है. मैं लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने और उनका विश्वास बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित हूं.
जब भाजपा ने हिसार विधानसभा क्षेत्र से कमल गुप्ता को मैदान में उतारा तो सावित्री जिंदल से पत्रकारों ने पूछा कि क्या सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ उनका चुनाव लड़ना बगावत नहीं होगी? सवाल के जवाब में सावित्री जिंदल ने कहा कि ऐसा नहीं माना जाएगा. मैंने सिर्फ अपने बेटे (लोकसभा चुनावों में नवीन जिंदल) के लिए प्रचार किया था. मैंने (भाजपा की) कोई सदस्यता नहीं ली है.
सावित्री जिंदल दो बार हिसार सीट से विधायक चुनी गईं. वे 2005 में पहली बार कांग्रेस विधायक के तौर पर हरियाणा विधानसभा में हिसार का प्रतिनिधित्व करने पहुंचीं. वे 2009 में फिर से इस सीट से चुनी गईं और 2013 में भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में मंत्री बनीं. उन्होंने इस साल मार्च में कांग्रेस छोड़ दी, जब उनके बेटे नवीन जिंदल ने भी पार्टी छोड़ दी और बाद में भाजपा में शामिल हो गए.