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India Daily

6 दिन पहले शादी, स्विट्जरलैंड में हनीमून का प्लान, वीजा मिलने में देरी पर चुना कश्मीर, दर्दनाक है पहलगाम की वायरल फोटो की कहानी

जम्मू कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार (22 अप्रैल) को आतंकी हमले में शहीद हुए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी की शादी 16 अप्रैल को हुई थी. स्विस वीजा में देरी के कारण उन्हें पहलगाम जाना पड़ा.

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Edited By: Mayank Tiwari
पहलगाम हमले के बाद यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गई
Courtesy: Social Media

भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल और उनकी पत्नी हिमांशी, जो एक स्कूल टीचर हैं, वे दंपत्ति हैं, जिन्हें फोटो में कश्मीर के एक सुरम्य मैदान में उस त्रासदी को दर्शाया गया है, जब मंगलवार (22 अप्रैल) को आतंकवादी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे. वहीं, इस घटना की जानकारी दंपत्ति के रिश्तेदारों और नौसेना अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस जोड़े की शादी छह दिन पहले हुई थी और वे अपने हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम कस्बे के पास बैसरन में थे. वे स्विट्जरलैंड जाने की योजना बना रहे थे , लेकिन वीजा मिलने में बहुत समय लग रहा था. रिश्तेदारों ने बताया कि वे पहलगाम जाने के लिए राजी हो गए.

दंपत्ति के श्रीनगर पहुंचने के 48 घंटे बाद हुआ आतंकी हमला

दरअसल, मंगलवार (22 अप्रैल) का घातक हमला दंपत्ति के श्रीनगर पहुंचने के 48 घंटे बाद हुआ. वहीं, मंगलवार को जब इस जोड़े की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही थी, उस समय ज़मीन पर लेटे हुए शख्स और उसके बगल में दुल्हन की चूड़ियाम पहने हुए दुखी युवती की पहचान साफ नहीं थी. न ही ये साफ हुआ था कि वह व्यक्ति अभी जीवित है या नहीं.

पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया में वायरल हुई ये तस्वीर

इस बीच गुरुग्राम के सेक्टर 47 स्थित हिमांशी के घर में रहने वाले परिवार को घास के मैदान में लेटे हुए जोड़े की तस्वीर दिखाई. इधर, हिमांशी की मौसी बबीता, जिनका नाम भी एक ही है. उन्होंने बताया कि, "हां, यह हिमांशी और उनके पति ही हैं जो जमीन पर लेटे हुए हैं.

हालांकि, इस वारदात के बाद नौसेना अधिकारियों ने अलग से बताया कि यह फोटो लेफ्टिनेंट नरवाल और उनकी पत्नी की है. इसहमले के बाद सोशल मीडिया पर यह फोटो खूब शेयर की गई. इस बीच पीटीआई के दिल्ली ऑफिस के एक व्यक्ति ने बताया कि ऐसा लगता है कि इसे मोबाइल फोन से क्लिक किया गया है और यह स्क्रीन ग्रैब नहीं है.

जानिए लेफ्टिनेंट नरवाल की मौत पर क्या बोला परिवार?

हालांकि, परिवार को हमले के बारे में बुधवार दोपहर को पता चला, टीवी चैनलों पर खबर आने से बहुत पहले. बबीता ने बताया, "हिमांशी ने अपने भाई लक्षित को फोन करके बताया कि आतंकवादियों ने विनय को मार दिया है. हमें उम्मीद थी कि यह सच नहीं होगा. लेकिन फिर उनकी तस्वीरें सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर घूमने लगीं. तब हमें पता चला.

दऱअसल, हिमांशी के माता-पिता लेफ्टिनेंट नरवाल के पिता राजेश नरवाल के साथ मंगलवार शाम को पहलगाम पहुंचे, जो करनाल में थे, ताकि वे अपने बच्चों के पास रह सकें. लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पार्थिव शरीर को हरियाणा के करनाल ले जाया गया. वहीं, इस जोड़े की सगाई 6 अप्रैल को हुई और दस दिन बाद यानी 16 अप्रैल को उत्तराखंड के मसूरी में उनकी शादी हुई.

इधर, हिमांशी के बड़े चचेरे भाई मनीष ने बताया, "सब कुछ बहुत बढ़िया तरीके से हुआ. जहां उनकी शादी जनवरी में तय हुई थी. हमारे परिवार बहुत पुराने हैं - हिमांशी के पिता और लेफ्टिनेंट नरवाल के पिता करीबी दोस्त थे. यह प्यार और गहरे बंधनों का मिलन था. फिलहाल, करनाल में उनके घर के अंदर, नौसेना अधिकारी की शादी की शेरवानी अभी भी अलमारी में बड़े करीने से टंगी हुई थी. मसूरी से आधा खुला उनका ट्रैवल बैग, जहाँ उन्होंने हिमांशी के साथ एक नई ज़िंदगी शुरू की थी, अब एक ऐसी यात्रा की कहानी बयां करता है जो कभी पूरी नहीं हुई.