Haryana Government Cancelled Eid Holiday: हरियाणा की मुख्यमंत्री नायब सैनी की लीडरशिप वाली भाजपा सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए प्रदेश में ईद की गजटेड छुट्टी रद्द कर दी है. सरकार ने 31 मार्च की छुट्टी को रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे में बदल दिया है, जो कि ईद के महज 5 दिन पहले हुआ है. इस फैसले को लेकर हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है.
चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि फाइनेंसियल ईयर 2024-25 की क्लोजिंग के कारण छुट्टी को रद्द किया गया है. 29 और 30 मार्च को वीकेंड है और 31 मार्च को फाइनेंसियल ईयर का आखिरी दिन है, इसलिए इस दिन कामकाजी समय की अहमियत को देखते हुए छुट्टी को रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे में बदला गया है.
यह पहला मौका है, जब हरियाणा सरकार ने ईद की गजटेड छुट्टी रद्द की है. हरियाणा में करीब 6% मुस्लिम आबादी है, जिसमें लगभग 18 लाख मुस्लिम वोटर शामिल हैं. इस फैसले के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. हरियाणा सरकार के कैलेंडर में 31 मार्च को गजटेड छुट्टी थी, लेकिन अब यह छुट्टी रिस्ट्रिक्टेड हॉलिडे में बदल गई है. मार्च महीने में पहले ही दो गजटेड छुट्टियां हो चुकी हैं—14 मार्च को होली और 23 मार्च को शहीदी दिवस.
ईद की छुट्टी रद्द करने के इस फैसले की सियासी वजहें भी मानी जा रही हैं.
- मुस्लिम आबादी वाले विधानसभा क्षेत्र
हरियाणा की आठ विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है. इनमें फिरोजपुर झिरका, पुन्हाना, नूंह, हथीन, सोहना, यमुनानगर, साढौरा और जगाधरी शामिल हैं. इन सीटों पर मुस्लिम समुदाय के वोटर निर्णायक भूमिका में रहते हैं. ऐसे में इस फैसले को लेकर सियासी सवाल खड़े हो सकते हैं.
- मुस्लिम विधायक
हरियाणा विधानसभा में इस बार पांच मुस्लिम विधायक चुनकर आए हैं. ये सभी विधायक कांग्रेस पार्टी से हैं. इन विधानसभा क्षेत्रों में ईद की छुट्टी रद्द होने के फैसले पर विपक्षी दल हंगामा कर सकते हैं, खासकर विधानसभा के बजट सत्र के दौरान.
इस फैसले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. विपक्षी दलों की ओर से सरकार पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भेदभाव करने का आरोप लगाया जा सकता है. अब यह देखना होगा कि विधानसभा में इस मुद्दे पर क्या हलचल होती है और क्या सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार करती है या नहीं.