182 दिन की यात्रा, करंट लगाया, पेशाब से नहलाया... खुशप्रीत ने सुनाई डंकी रूट से जुड़ी टॉर्चर की कहानी
हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी खुशप्रीत ने 182 दिन की दर्दनाक यात्रा के बाद भारत लौटने के बाद अपनी खौफनाक कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि कैसे एजेंटों ने उनका विश्वास तोड़ा और माफियाओं के हवाले कर उनकी जान से खेला. खुशप्रीत ने बताया कि वह अमेरिका जाने का सपना देख रहे थे.
Donkey Route Victim Story: हरियाणा के कुरुक्षेत्र निवासी खुशप्रीत ने अपनी दिल दहला देने वाली कहानी सुनाई, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह जाएगा. 182 दिन तक विदेश में जानलेवा यात्रा की यातनाओं का सामना करने के बाद वह भारत लौटे हैं. उन्होंने बताया कि कैसे एजेंटों ने उनकी सारी उम्मीदों को तोड़ा और माफियाओं के हवाले कर उनकी जान से भी खेला.
खुशप्रीत ने कहा, 'मेरा सपना था कि मैं अमेरिका जाऊं और अच्छा पैसा कमाऊं ताकि अपने और परिवार के सपने पूरे कर सकूं.' इसके लिए मैंने एक एजेंट से संपर्क किया और उन्होंने मुझे 45 लाख रुपये का खर्च बताया. घरवालों ने लोन लेकर मुझे पैसे दिए और मुझे अमेरिका भेज दिया. लेकिन जो हुआ, वह कभी नहीं सोचा था.'
एजेंट-माफियाओं ने किया टॉर्चर
खुशप्रीत ने बताया कि एजेंट उन्हें 'डंकी रूट' से अमेरिका भेजने के लिए राजी हो गए, लेकिन वह इस रूट के बारे में कुछ नहीं जानते थे. यह यात्रा छह महीने तक चली, जिसमें उन्हें घने जंगल, पहाड़ों और विशाल समुद्र पार करना पड़ा. रास्ते में एजेंट के लोग उन्हें करंट लगाते, पेशाब से नहलाते और कई दिनों तक भूखा रखते थे. अमेरिका पहुंचने के बाद, वह महज 12 दिन ही वहां रह सके. इसके बाद उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया, लेकिन यह सफर उनके लिए एक जीवनभर का बुरा सपना बन गया.
खुशप्रीत ने बताया, 'इस दौरान मैं और कई अन्य लोग मुश्किलों का सामना कर रहे थे. जो लोग थक जाते या गिर जाते, एजेंट के लोग उन्हें छोड़कर चले जाते थे. हम जहां पानी ढूंढते थे, वहीं पी लेते थे. माफिया हमें करंट लगाते थे क्योंकि एजेंटों ने उनसे पैसे नहीं दिए थे.'
एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश
अब, पुलिस ने एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया है. एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) ने सभी जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि वे ऐसे एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई करें और उन्हें गिरफ्तार करें. साथ ही, ट्रैवल एजेंसियों की जांच भी की जाएगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी गलत काम न हो.
खुशप्रीत का कहना है कि वह जीवित वापस लौटे हैं, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. उन्होंने सभी युवाओं से अपील की है कि एजेंटों के चक्कर में पड़कर कभी भी विदेश न जाएं, क्योंकि यह उनकी जान तक को खतरे में डाल सकता है.