Ashok Gehlot's reaction on Haryana election results: हरियाणा विधानसभा चुनाव में धांधली पर आज राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ये चुनाव नतीजे हैरान करने वाले हैं. हम इसके लिए एक मंच शुरू करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है .
पोस्टमॉर्टम शुरू हो गया है!
अशोक गहलोत ने बताया कि पोस्टमार्टम किया जा रहा है. कल एक बैठक हुई जिसमें राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने फैसला किया कि राज्य के नेताओं के साथ-साथ हमारे सभी जीतने और हारने वाले उम्मीदवारों के लिए एक मंच बनाया जाएगा, ताकि गहराई से पता लगाया जा सके और आकलन किया जा सके कि वास्तव में क्या हुआ. गहलोत ने चुनाव परिणाम पर अविश्वास व्यक्त किया, जिसे कई लोग कांग्रेस के पक्ष में मान रहे थे.
कांग्रेस जीत रही थी फिर अचानक क्या हुआ?
उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा था कि कांग्रेस जीत रही है. लेकिन अचानक क्या हुआ? चौंकाने वाले नतीजे आए. उन्होंने कहा कि इसकी जड़ों तक पहुंचने की जरूरत है. अशोक गहलोत ने कहा कि इस चुनाव में आत्मविश्वास, जाति और गुटबाजी जैसे कारकों ने अहम भूमिका निभाई. लेकिन कोई भी फैसला या टिप्पणी करने से पहले यह जांचना भी जरूरी है कि चुनाव क्यों हारे. उन्होंने आगे कहा, यह पहली बार नहीं है जब हम देख रहे हैं कि किसी राज्य में परिणाम बदला है. हरियाणा की बात करें तो किसी को समझ नहीं आया.
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के कुछ विधायक भी कह रहे थे कि कांग्रेस चुनाव जीतेगी, फिर ऐसा कैसे हो गया? गुरुवार को कांग्रेस ने समीक्षा बैठक की, जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत, अजय माकन और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इस बैठक में हरियाणा कांग्रेस प्रमुख उदयभान और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल नहीं हुए.
भविष्यवाणी में कांग्रेस लेकिन कुर्सी पर बीजेपी?
सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जांच के नतीजों पर चर्चा की गई और आगे की जांच के लिए एक टीम बनाई गई है. यह टीम सभी उम्मीदवारों से मुलाकात करेगी ताकि हार के कारणों को समझा जा सके. साथ ही ईवी के खिलाफ कांग्रेस ने जो मोर्चा खोला है, उसका भी समाधान किया जा सके. इस चुनाव परिणाम को लेकर
अजय माकन ने कहा, एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल ने अलग-अलग तस्वीरें सामने रखी थीं और नतीजे भी अप्रत्याशित थे. दोनों में बहुत बड़ा अंतर था. जिसके बाद हमने आगे बढ़ने के लिए यह कदम उठाया है. हरियाणा में एक दशक से राज कर रही बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने की बड़ी उम्मीदों के बावजूद कांग्रेस 90 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ 37 सीटें हासिल कर पाई, जो उम्मीदों से कम है. चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों और एग्जिट पोल ने कांग्रेस की आसान जीत की भविष्यवाणी की थी, लेकिन बीजेपी 48 सीटों के साथ सत्ता पर कब्जा करने में सफल रही.