'इसमें कभी संदेह नहीं होना चाहिए...', भाजपा में शामिल होने की 'अफवाहों' पर क्या बोलीं कुमारी शैलजा?
Kumari Selja On Joining BJP: कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने भाजपा में शामिल होने की अफवाहों पर कहा कि इसमें कभी संदेह नहीं होना चाहिए. सीनियर दलित नेता और दो बार केंद्रीय मंत्री रहीं कुमारी शैलजा को कई लोग मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते हैं. उन्होंने खुद भी कई बार अपनी दावेदारी पेश की है. हालांकि, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रहते कुमारी शैलजा का मुख्यमंत्री बनना मुश्किल दिखता है.
Kumari Selja On Joining BJP: कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने सोमवार को उन अफवाहों के बीच अपनी बात स्पष्ट की कि वे नाराज हैं और उन्होंने हरियाणा चुनाव के लिए प्रचार नहीं करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और राज्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के बारे में कभी कोई संदेह नहीं होना चाहिए. शैलजा ने खुद को एक वफादार कार्यकर्ता...अच्छी सिपाही बताया और कहा कि वे इस सप्ताह से चुनाव प्रचार में उतर जाएंगी. उन्होंने कहा कि मेरा कभी इरादा नहीं था कि मैं पूरे अभियान से अनुपस्थित रहूंगी. मैं प्रचार करूंगी...क्योंकि मैं पार्टी की सिपाही हूं. मैंने हमेशा कहा है कि मैं एक अच्छी सिपाही हूं.
हालांकि, उन्होंने माना कि कुछ मुद्दे हैं... गंभीर मुद्दे हैं, जिन्हें हल करने की जरूरत है. उन्होंने कोई विशेष जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा कि कांग्रेस का सीनियर नेतृत्व समस्याओं पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि मैंने ये बात लोकसभा चुनाव से पहले ही स्पष्ट कर दी थी... मैं सांसद के बजाय विधायक के रूप में हरियाणा के लोगों की सेवा करना चाहती हूं. लेकिन पहले आम चुनाव आ गए. इसलिए पार्टी ने फैसला किया, मैंने फैसला किया, हम सभी ने फैसला किया कि मुझे वह चुनाव लड़ना चाहिए.
उन्होंने कहा कि लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि कोई विधानसभा चुनाव नहीं लड़ सकता... लोकसभा सीट के लिए हमेशा उपचुनाव हो सकता है. लेकिन अब यह एक अलग मुद्दा है. मैं चुनाव लड़ना चाहती थी... पार्टी ने इजाजत नहीं दी. कोई बात नहीं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके राज्य चुनाव लड़ने से एक कड़ा संदेश जाता और कांग्रेस को उनकी उम्मीदवारी से लाभ मिलता, लेकिन उन्होंने अंदरूनी कलह की किसी भी बात को नकारते हुए कहा कि किसी भी स्थिति में, पार्टी (राज्य में) सरकार बनाएगी.
आखिर क्या थी अफवाहें?
ऐसी अफ़वाहें थीं कि हरियाणा चुनाव लड़ने की इच्छा को लेकर कुमारी शैलजा का कांग्रेस के दिल्ली मुख्यालय से मतभेद हो गया था. 61 साल की शैलजा ने अप्रैल-जून के आम चुनाव में सिरसा लोकसभा सीट जीती थी, लेकिन वह राज्य का चुनाव भी लड़ना चाहती थीं, लेकिन उनकी इच्छा को अस्वीकार कर दिया गया. यदि वह जीत जातीं तो लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव की नौबत आ जाती और ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस अपनी 99 सीटों में से एक भी सीट खोने का जोखिम नहीं उठाना चाहती.
एक सीनियर दलित नेता और दो बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी कुमारी शैलजा को कई लोग मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते थे, अगर कांग्रेस अगले महीने होने वाले चुनाव में जीत जाती है तो. उधर, भाजपा ने आरोप लगाया कि कुमारी शैलजा का कांग्रेस में अनादर किया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री एमएल खट्टर की ओर से दिया गया एक 'आमंत्रण' भी था, जिसमें उन्होंने कहा कि उनकी जगह पर कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति अपने अगले कदम पर विचार करेगा. खट्टर के उत्तराधिकारी, नायब सिंह सैनी ने तब कांग्रेस की "दलित विरोधी होने...दलितों का सम्मान न करने" के लिए आलोचना की थी.
हालांकि, शैलजा ने ऐसी बातों को हंसी में उड़ा दिया और भाजपा को आमंत्रित किया कि वे पहले अपना घर ठीक करे. उन्होंने ये भी पूछा कि वे (दलितों को) कितना सम्मान देते हैं? समाचार एजेंसी पीटीआई से अलग से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शायद भाजपा अधिक चिंतित है. उचाना कलां विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार बृजेन्द्र सिंह ने भी उनके पार्टी छोड़ने की चर्चा को खारिज कर दिया और भाजपा की झूठ की दुकान पर निशाना साधा.
90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा. वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी, जो जम्मू-कश्मीर में एक दशक में पहली बार हो रहे विधानसभा चुनाव के साथ होगी.