हरियाणा सरकार ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक गंभीर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है. दरअसल, ये मामला सोनीपत जिला अदालत की सीजेएम कोर्ट में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 2(डी) और 54 के तहत दायर किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की ओर से इस कदम की जानकारी दी गई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा सरकार में मंत्री विपुल गोयल ने बताया कि राज्य सरकार ने अरविंद केजरीवाल के यमुना नदी में 'जहर मिलाने' के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. गोयल ने इसे एक गैर-जिम्मेदाराना और झूठा बयान करार देते हुए कहा कि इससे दोनों राज्यों, दिल्ली और हरियाणा, के लोगों में दहशत फैलाने की कोशिश की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के बयान से जनता में भ्रम और भय पैदा होता है, जो समाज में अव्यवस्था को बढ़ावा देता है.
हरियाणा सरकार का आरोप और आप पार्टी की प्रतिक्रिया
आप ने इस मामले में पलटवार करते हुए हरियाणा सरकार पर आरोप लगाया कि वह जानबूझकर यमुना नदी में औद्योगिक कचरा बहा रही है. अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान में कहा कि हरियाणा सरकार दिल्ली के लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए पानी में जहर मिला रही है, जिससे कई लोगों की जान जा सकती है.
इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री आतिशी ने भी भाजपा पर पानी की आपूर्ति बाधित करने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा 5 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के डर से ऐसी गंदी राजनीति कर रही है.
जानिए केजरीवाल ने हरियाणा सरकार पर क्या लगाए थे आरोप?
अरविंद केजरीवाल ने इस पूरे विवाद को और तेज करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, "भा.ज.पा. वाले हरियाणा में पानी में जहर मिला रहे हैं और इसे दिल्ली भेज रहे हैं. अगर दिल्ली के लोग यह पानी पीते हैं, तो कई लोगों की मौत हो सकती है. क्या इससे घिनौनी हरकत कुछ और हो सकती है?"
हरियाणा सरकार का बयान
हरियाणा सरकार ने इस विवाद को लेकर स्पष्ट किया कि वह दिल्ली को शुद्ध और पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है.