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हरियाणा विधानसभा चुनाव में AAP को 'लोकल बॉय' पर भरोसा, क्या हैं केजरीवाल के जमानत के मायने?

Arvind Kejriwal: दिल्ली आबकारी नीति मामले में आम आदमी पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आज यानी शुक्रवार को जमानत मिल गई. कहा जा रहा है कि केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद चुनावी राज्य हरियाणा में आम आदमी पार्टी को बल मिला है. आम आदमी पार्टी हरियाणा में सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जहां पहली बार 5 अक्टूबर को मतदान होगा.

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Edited By: India Daily Live
 Arvind Kejriwal
Courtesy: X Post

Arvind Kejriwal: हरियाणा में पहली बार सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (AAP) को उस समय बल मिला जब उसके राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को जमानत मिल गई. AAP नेताओं के मुताबिक, केजरीवाल को शुक्रवार शाम तक हिरासत से रिहा कर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा में 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, इसलिए पार्टी कार्यकर्ता उन्हें अपने साथ पाकर बेहद उत्साहित हैं.

हरियाणा में AAP के स्टार प्रचारकों की सूची में केजरीवाल सबसे ऊपर हैं. वे हरियाणा के लोकल बॉय भी हैं. हरियाणा के भिवानी जिले के मूल निवासी केजरीवाल ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से प्रत्याशी डॉक्टर सुशील गुप्ता के लिए प्रचार किया था. गुप्ता को कुरुक्षेत्र लोकसभा क्षेत्र में इंडिया ब्लॉक उम्मीदवार के रूप में 5.3 लाख से अधिक वोट मिले थे. हालांकि, वे भाजपा के नवीन जिंदल से हार गए थे. फिलहाल केजरीवाल की पत्नी सुनीता, राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पूरे हरियाणा में पार्टी के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं.

हरियाणा में चुनावी मैदान में 5 राजनीतिक पार्टियां

हरियाणा विधानसभा चुनाव में इस बार पांच प्रमुख राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस -सीपीआई (एम) गठबंधन के अलावा आप, इनेलो-बसपा-एचएलपी गठबंधन और जेजेपी-एएसपी (कांशीराम) गठबंधन ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. सत्तारूढ़ भाजपा और आप ही दो ऐसी पार्टियां हैं जो किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन किए बिना सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं.

केजरीवाल की अनुपस्थिति में राघव चड्ढा पिछले दो सप्ताह से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से गठबंधन के लिए बातचीत कर रहे थे. लेकिन, बातचीत विफल हो गई और दोनों दलों ने बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने का फैसला किया. आप के राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कहा कि अरविंद केजरीवाल जी निश्चित रूप से हरियाणा में राजनीतिक समीकरण बदल देंगे और आप निश्चित रूप से राज्य में सरकार बनाने की ओर अग्रसर है, जैसा कि हमने दिल्ली और पंजाब में किया था.

राज्यसभा सांसद ने बेल को भाजपा के मुंह पर तमाचा बताया

राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी उन्हें जमानत दी थी. आज भी सुप्रीम कोर्ट ने न केवल उन्हें जमानत दी बल्कि यह भी माना कि उन्हें गलत तरीके से हिरासत में रखा गया था. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करने के लिए फटकार भी लगाई. यह सत्य की जीत है और भाजपा के मुंह पर तमाचा है.

आप के एक सीनियर नेता ने कहा कि हम जल्द ही हरियाणा के लिए उनके प्रचार कार्यक्रम का विवरण जारी करेंगे. अरविंद केजरीवाल के अभियान का नेतृत्व करने से पार्टी को निश्चित रूप से हरियाणा के सभी 90 निर्वाचन क्षेत्रों में भारी बढ़त मिलेगी. सुनीता केजरीवाल और मान के अलावा आप के अन्य स्टार प्रचारकों में दिल्ली के मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज तथा नेता संजय सिंह और मनीष सिसोदिया शामिल हैं.

केजरीवाल ने दायर की थी दो याचिकाएं

दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से जमानत के लिए दाखिल की गई याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की दो जजों की बेंच ने सुनवाई करते हुए उन्हें बेल दे दी. केजरीवाल ने दो याचिकाएं दायर की थीं, एक में जमानत देने से इनकार करने को चुनौती दी गई थी और दूसरी मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के खिलाफ थी.

केजरीवाल की गिरफ्तारी से लेकर जमानत तक... कब-कब क्या हुआ?

21 मार्च 2024: ईडी ने केजरीवाल को गिरफ्तार किया

21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने आबकारी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया. इस तरह वे गिरफ्तार होने वाले पहले मुख्यमंत्री बन गए. यह मामला जांच एजेंसी की ओर से कई महीनों तक भेजे गए कुल 9 समन को नजरअंदाज करने और उन्हें अवैध कहने के बाद आया. ये मामला अब रद्द कर दी गई 2021-22 दिल्ली आबकारी नीति के कार्यान्वयन में आप और उसके नेताओं की ओर से प्राप्त कथित रिश्वत से संबंधित है.

10 मई, 2024: आम चुनावों से पहले सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम ज़मानत दी

आम चुनावों से पहले, सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को कुछ शर्तों के साथ 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी. अदालत ने एक फैसले का हवाला दिया जिसमें चुनावों को संसदीय प्रणाली और इसकी व्यवस्था का बैरोमीटर और जीवन रेखा बताया गया है और इस बात पर जोर दिया गया है कि अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री और एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं, जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वे समाज के लिए कोई खतरा नहीं हैं.

2 जून, 2024: केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण किया

आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम जमानत समाप्त होने के एक दिन बाद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया.

26 जून, 2024: सीबीआई ने केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया

सीबीआई ने कथित घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केजरीवाल को गिरफ़्तार किया. राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सीबीआई को केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ़्तार करने की अनुमति दे दी. वे पहले से ही ईडी मामले में हिरासत में थे.

12 जुलाई, 2024: सुप्रीम कोर्ट ने ईडी मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है, जिससे दिल्ली आबकारी नीति मामले में मार्च में ईडी की ओर से उनकी गिरफ्तारी की वैधता और आवश्यकता पर सवाल उठे. 

5 अगस्त, 2024: दिल्ली हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर सीबीआई के फैसले को बरकरार रखा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को गिरफ्तार करने के सीबीआई के फैसले को बरकरार रखा तथा उन्हें जमानत के लिए निचली अदालत में जाने का निर्देश दिया.

12 अगस्त, 2024: केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे

केजरीवाल ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी.

5 सितंबर, 2024: सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका और दिल्ली आबकारी नीति मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

13 सितंबर, 2024: केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली

जस्टिस कांत ने अपने फैसले में कहा कि केजरीवाल को सीबीआई मामले में 10 लाख रुपये के जमानत बांड पर जमानत दी जाती है. साथ ही उन्हें मामले पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करने का निर्देश दिया जाता है.