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India Daily

Medha Patkar Defamation Case: गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही रिहा हुई मेधा पाटकर, कोर्ट ने कितने लाख का लगाया जुर्माना?

गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद दिल्ली की अदालत ने एलजी सक्सेना के मानहानि मामले में कार्यकर्ता मेधा पाटकर को रिहा करने का आदेश दिया है.

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Edited By: Antima Pal
Medha Patkar Defamation Case:
Courtesy: social media

Medha Patkar Defamation Case: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने उनपर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दो दिन पहले ही दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा उनके खिलाफ दायर 24 साल पुराने मानहानि के मामले में प्रोबेशन बॉन्ड न भरने के लिए अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया था. 

गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद ही रिहा हुई मेधा पाटकर

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विपिन खरब के समक्ष पेश हुए मेधा पाटकर के वकील ने कहा कि 'मैं केवल रिहा किए जाने का अनुरोध करता हूं, ताकि मैं प्रोबेशन बॉन्ड भरने की शर्तों को पूरा कर सकूं', अदालत ने पूछा 'कोर्ट के आदेश के अनुसार आपको 3 मई तक का समय दिया गया था?' इसपर वकील ने कहा कि मैं इस पर बहस नहीं कर रहा हूं. प्रोबेशन ऑर्डर अभी भी सही है क्योंकि हम कोर्ट के सामने खड़े हैं. मैं आज प्रोबेशन बॉन्ड भरूंगा. मुझे कोर्ट जाते समय ही उठा लिया गया था.'

आज सुबह अरेस्ट हुई थी मेधा पाटकर

उन्हें जमानत बांड भरने की अनुमति देते हुए अदालत ने मेधा पाटकर की रिहाई का निर्देश दिया. एलजी सक्सेना के वकील गजिंदर कुमार भी अदालत के समक्ष उपस्थित हुए. बता दें कि सुबह पुलिस अधिकारियों की एक टीम मेधा पाटकर के आवास पर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया. दक्षिण पूर्व के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रवि कुमार सिंह ने कहा कि 'हमने गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है और मेधा पाटकर को गिरफ्तार कर लिया गया.' साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने 23 अप्रैल को अपने आदेश में कहा था कि 'अगली तारीख पर अगर दोषी 08/04/2025 की सजा के आदेश की शर्तों का पालन नहीं करता है तो अदालत को उदार सजा पर पुनर्विचार करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा और सजा के आदेश को बदलना होगा.'