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JNUSU चुनाव: अध्यक्ष समेत तीन पदों पर लेफ्ट का कब्जा, ABVP के लिए खुशखबरी

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ) के गठबंधन ने इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया. अध्यक्ष पद पर एआईएसए-डीएसएफ गठबंधन के उम्मीदवार नीतीश कुमार ने 1702 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी, एबीवीपी की शिखा स्वराज, को 1430 वोट मिले. नीतीश ने मतगणना के अंतिम दौर में शिखा को पछाड़कर यह महत्वपूर्ण पद अपने नाम किया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
JNUSU
Courtesy: Social Media

दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव 2025 के नतीजे 28 अप्रैल को घोषित कर दिए गए. इस बार भी वामपंथी गठबंधन (यूनाइटेड लेफ्ट) ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराते हुए केंद्रीय पैनल की तीन प्रमुख सीटों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और महासचिव पर कब्जा जमाया. वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल कर एक दशक बाद केंद्रीय पैनल में अपनी वापसी का संकेत दिया.

ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए) और डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स फ्रंट (डीएसएफ) के गठबंधन ने इस चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया. अध्यक्ष पद पर एआईएसए-डीएसएफ गठबंधन के उम्मीदवार नीतीश कुमार ने 1702 वोट हासिल कर जीत दर्ज की. उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी, एबीवीपी की शिखा स्वराज, को 1430 वोट मिले. नीतीश ने मतगणना के अंतिम दौर में शिखा को पछाड़कर यह महत्वपूर्ण पद अपने नाम किया. 

उपाध्यक्ष पद पर डीएसएफ की मनीषा ने 1150 वोटों के साथ जीत हासिल की, जबकि एबीवीपी की नीतू गौतम को 1116 वोट मिले. महासचिव पद पर भी डीएसएफ की मुंतेहा फातिमा ने 1520 वोटों के साथ जीत का परचम लहराया, जबकि एबीवीपी के कुणाल राय को 1406 वोट मिले. इन नतीजों ने जेएनयू में वामपंथी संगठनों की मजबूत पकड़ को एक बार फिर साबित किया.

एबीवीपी की वापसी

हालांकि लेफ्ट ने तीन अहम पदों पर कब्जा किया, लेकिन एबीवीपी ने संयुक्त सचिव पद पर जीत हासिल कर अपनी उपस्थिति दर्ज की. एबीवीपी के वैभव मीना ने 1518 वोटों के साथ यह पद जीता, जबकि एआईएसए-डीएसएफ के नरेश कुमार को 1433 वोट मिले. यह जीत एबीवीपी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि 2016 के बाद यह पहली बार है जब संगठन ने जेएनयू के केंद्रीय पैनल में कोई पद हासिल किया. इसके अलावा, एबीवीपी ने काउंसलर चुनावों में 42 में से 23 सीटें जीतकर अपने बढ़ते प्रभाव का प्रदर्शन किया. यह संगठन के लिए 1999 के बाद सबसे बेहतरीन प्रदर्शन माना जा रहा है.

नीतीश कुमार का बयान
नवनिर्वाचित अध्यक्ष नीतीश कुमार ने अपनी जीत के बाद कहा, "हम छात्रों और उनके कल्याण के लिए काम करेंगे. कैंपस में लगातार फंड कटौती हो रही है, जिसे हम सरकार से खींचकर वापस लाएंगे. कैंपस के बुनियादी ढांचे को बेहतर करना हमारी प्राथमिकता होगी." नीतीश का यह बयान छात्रों के बीच शिक्षा और सुविधाओं से जुड़े मुद्दों को लेकर उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.