JNU Professor Dismissed: जेएनयू प्रशासन ने प्रोफेसर स्वर्ण सिंह को यौन उत्पीड़न के आरोप में बर्खास्त कर दिया है. यह कार्रवाई कार्यकारी परिषद की बैठक में आईसीसी की जांच रिपोर्ट पेश होने के बाद की गई.
शिकायत एक जापानी दूतावास की महिला अधिकारी ने की थी, जो प्रोफेसर से अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए संपर्क में थीं. उन्होंने अपनी बातचीत की रिकॉर्डिंग सबूत के तौर पर सौंपी थी. यह मामला मई 2023 में सामने आया था और सिंह पर पहले भी इसी तरह के आरोप लग चुके हैं.
JNU की कार्यकारी परिषद ने ICC की सिफारिशों पर तीन अन्य शिक्षकों पर भी कार्रवाई की है. दो शिक्षकों की तीन वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई है और एक शिक्षक को 'माइनर ऑफेंस' के तहत सेंसिटाइजेशन ट्रेनिंग से गुजरने का निर्देश दिया गया है. इनमें से संबंधित शिक्षक इतिहास अध्ययन केंद्र, भौतिक विज्ञान स्कूल और संस्कृत केंद्र से जुड़े हैं.
JNU की कुलपति शांतिश्री धुलीपुड़ी पंडित ने कहा, 'यह निर्णय हमारी भ्रष्टाचार और यौन अपराधों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाता है. पहली बार छात्रों को ICC में प्रतिनिधित्व दिया गया है, जो JNU की लोकतांत्रिक संस्कृति की दिशा में एक अहम कदम है.' अब से ICC में छात्र प्रतिनिधियों का चुनाव किया जाएगा.
स्वर्ण सिंह 2001 से JNU में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थे. वे पहले इंस्टीट्यूट ऑफ डिफेंस स्टडीज़ एंड एनालिसिस (IDSA) में 1992 से 2001 तक रिसर्च फैकल्टी रहे. उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में MA, JNU से MPhil और PhD है. उन्होंने स्वीडन के उप्साला विश्वविद्यालय से पोस्ट डॉक्टोरल डिप्लोमा भी किया है.
वे भारत-चीन संबंध, परमाणु नीति, संघर्ष समाधान, और साइबर आतंकवाद जैसे विषयों पर शोध कर चुके हैं. उन्होंने JNU में चीफ विजिलेंस ऑफिसर, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफेसर और बीजिंग यूनिवर्सिटी में एशिया फेलो जैसी भूमिकाएं भी निभाई थीं.
सूत्रों के अनुसार, प्रोफेसर सिंह के खिलाफ पहले भी यौन उत्पीड़न की लगभग 8 शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं. उन्होंने एक बार एसोसिएट प्रोफेसर पद से इस्तीफा भी दिया था, लेकिन बाद में प्रोफेसर के रूप में फिर से शामिल हुए.