menu-icon
India Daily

सड़क पर अब नहीं दिखेंगे CNG ऑटो? जानिए क्या है EV पॉलिसी 2.0 जिसने बढ़ा दी है रिक्शा चालकों की टेंशन

ड्राफ्ट नीति यह भी कहती है कि 15 अगस्त, 2026 से पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चलने वाले दो पहिया वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी. सिफारिश की गई है कि 15 अगस्त, 2025 से माल वाहक के मामले में डीजल, पेट्रोल, सीएनजी तिपहिया वाहन पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी. 31 दिसंबर, 2027 तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बेड़े का लक्ष्य हासिल करने का आदेश दिया गया है.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
EV Policy 2.0
Courtesy: Pinterest

Delhi EV Policy 2.0: इलेक्ट्रिक वाहन (EV) नीति 2.0 का ड्राफ्ट तैयार हो गया है. जिसके तहत बहुत जल्द आपको राजधानी की सड़कों पर सीएनजी से चलने वाले ऑटोरिक्शा आपको देखने को नहीं मिलेंगे. इसकी घोषणा दिल्ली सरकार द्वारा जल्द ही की जा सकती है. उसमें सीएनजी से चलने वाले ऑटोरिक्शा को चरणबद्ध तरीके से हटाने की सिफारिश की गई है.

अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. ईवी नीति 2.0 के ड्राफ्ट  के अनुसार, इस साल 15 अगस्त से किसी भी सीएनजी ऑटोरिक्शा के रजिस्ट्रेशन  की अनुमति नहीं दी जाएगी. इस साल 15 अगस्त से सीएनजी ऑटो परमिट का रिन्यूवल नहीं किया जाएगा और ऐसे सभी परमिटों को केवल ई-ऑटो परमिट के साथ रिप्लेस या दोबारा जारी किया जाएगा.

स्टेप-बाय-स्टेप हटाने की सिफारिश 

पॉलिसी के ड्राफ्ट में नगर निकायों और शहर की बसों द्वारा बड़ी संख्या में इस्तेमाल किए जाने वाले ठोस कचरे को ले जाने वाले जीवाश्म ईंधन से चलने वाले गाड़ियों को स्टेप-बाय-स्टेप तरीके से हटाने की भी सिफारिश की गई है.

पॉलिसी अवधि के दौरान 10 वर्ष से अधिक पुराने सभी सीएनजी ऑटो-रिक्शा को अनिवार्य रूप से बैटरी से चलाने के लिए बदल दिया जाएगा या रेट्रोफिट किया जाएगा.

ईवी कैलकुलेटर

एक मजबूत सिफारिश में, ड्राफ्ट नीति यह भी कहती है कि 15 अगस्त, 2026 से पेट्रोल, डीजल, सीएनजी से चलने वाले दो पहिया वाहनों को अनुमति नहीं दी जाएगी. इसी तरह, यह सिफारिश की गई है कि 15 अगस्त, 2025 से माल वाहक के मामले में डीजल, पेट्रोल, सीएनजी तिपहिया वाहन पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी.

ईवी नीति 2.0 के मसौदे में दिल्ली नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद और दिल्ली जल बोर्ड के स्वामित्व वाले पट्टे पर दिए गए सभी कचरा संग्रहण वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने और 31 दिसंबर, 2027 तक 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बेड़े का लक्ष्य हासिल करने का आदेश दिया गया है. यह डीआरसी और डीआईएमटीएस द्वारा संचालित सार्वजनिक परिवहन बसों को ई-बसों में परिवर्तित करने की भी सिफारिश करता है. नीति की शुरुआत के साथ डीटीसी और डीआईएमटीएस इंट्रा सिटी संचालन के लिए केवल इलेक्ट्रिक बसें और अंतरराज्यीय सेवा के लिए बीएस VI खरीदेंगे.

साथ ही निजी कार मालिकों को इलेक्ट्रिक कार तभी खरीदनी होगी, जब उनके पास पहले से दो वाहन हों. यह सिफारिश ईवी नीति 2.0 की अधिसूचना के बाद प्रभावी होगी. अधिकारियों ने कहा कि मसौदा नीति में कैबिनेट की मंजूरी के दौरान बदलाव हो सकते हैं, खासकर दोपहिया वाहनों से संबंधित सिफारिश में.

दिल्ली कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस नीति को अधिसूचित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति में सुधार लाना है, ताकि बड़ी संख्या में जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहनों को आक्रामक तरीके से बदला जा सके.