देश की राजधानी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में शनिवार (19 अप्रैल) की तड़के एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक चार मंजिला इमारत अचानक कार्ड के पत्तों की तरह ढह गई. इस भीषण हादसे में 11 लोगों की जान चली गई, जबकि इतने ही लोग घायल हो गए. यह घटना सुबह करीब 3 बजे हुई, जिसने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में इमारत के ढहने से कई लोग मलबे में दब गए है. फिलहाल, रेस्क्यू टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया है. जहां पर कड़ी मशक्कत के बाद 11 लोगों को जीवित निकाला गया, लेकिन 11 अन्य को मृत घोषित कर दिया गया. फिलहाल, सभी घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि, अब तक अस्पताल में पांच लोगों का इलाज चल रहा है, जबकि छह लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है.
#WATCH | Delhi: Narpal Singh, Deputy Commandant, NDRF 16 Battalion, says, "So far, as per NDRF, one live female victim has been rescued and 7 unresponsive victims- three males, one female, and three children, have been rescued... NDRF is continuously trying to rescue the trapped… https://t.co/S3kitNO3VA pic.twitter.com/N2sIfJtOsk
— ANI (@ANI) April 19, 2025
NDRF लगातार फंसे हुए पीड़ितों को बचाने की कोशिश में जुटा
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में NDRF 16 बटालियन के डिप्टी कमांडेंट नरपाल सिंह ने कहा, "अभी तक, NDRF के अनुसार, एक जीवित महिला पीड़ित को बचाया गया है और 7 बेहोश पीड़ितों- तीन पुरुषों, एक महिला और तीन बच्चों को बचाया गया है. हालांकि, NDRF लगातार फंसे हुए पीड़ितों को बचाने की कोशिश कर रहा है... जब तक साइट साफ नहीं हो जाती और हमारी तकनीकी और भौतिक खोज समाप्त नहीं हो जाती, तब तक बचाव कार्य जारी रहेगा.इमारत में 20-22 लोग रहते थे और 14 सतही पीड़ितों को तुरंत बचा लिया गया था. उन्होंने कहा,'' जब हम पहुंचे, तो हमने एक जीवित और सात बेहोश पीड़ितों को बचाया.
हादसे की जांच-पड़ताल जारी
इस हादसे ने इमारतों की सुरक्षा और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि इमारत ढहने का कारण क्या था. शुरुआती अनुमान में पुरानी इमारत और अवैध निर्माण की आशंका जताई जा रही है.
समुदाय में मचा शोक
इस त्रासदी ने मुस्तफाबाद के निवासियों को गहरे सदमे में डाल दिया है. जिसमें स्थानीय लोग और सामाजिक संगठन पीड़ित परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं. इसके अलावा दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिजनों को सहायता प्रदान करने की घोषणा की है.