menu-icon
India Daily

Delhi Heat Wave: दिल्ली की भीषण गर्मी से बेहाल छात्र, स्कूलों ने दी बड़ी राहत

Delhi Heat Wave: दिल्ली में गर्मी के मौसम में छात्रों के स्वास्थ्य को नजर में रखते हुए सुबह 10 बजे के बाद बाहरी गतिविधियों को कम कर दिया है ताकि धूप में निकलने और गर्मी से जुड़ी बीमारियों को सीमित किया जा सके.

auth-image
Edited By: Princy Sharma
Delhi Schools Heatwave
Courtesy: Pinterest

Delhi Schools Heatwave: भारत की राजधानी दिल्ली में पहली गर्मी की लहर आने के साथ ही शहर भर के कई स्कूलों ने गर्मी से जुड़ी बीमारियों से छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं. गर्मी के मौसम में छात्रों के स्वास्थ्य को नजर में रखते हुए सुबह 10 बजे के बाद बाहरी गतिविधियों (outside activities) को कम कर दिया है ताकि धूप में निकलने और गर्मी से जुड़ी  बीमारियों को सीमित किया जा सके. वे स्कूल परिसर में आम पन्ना, नींबू पानी, छाछ और वुड एप्पल जैसे हाइड्रेटिंग ड्रिंक भी उपलब्ध किए जाएंगे. 

मीडिया से बात करते हुए द्वारका में आईटीएल इंटरनेशनल स्कूल की प्रिंसिपल सुधा आचार्य ने कहा कि स्कूल ने कैफेटेरिया में विभिन्न हाइड्रेटिंग ड्रिंक रखे हैं. क्योंकि तापमान बढ़ रहा है, इसलिए ड्रिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, खासकर क्योंकि वे बहुत दौड़ते और खेलते हैं. इसलिए, हमने उन्हें खीरे और तरबूज का पानी लाने के लिए भी कहा है.'

IMD ने येलो अलर्ट किया जारी 

IMD शहर में ज्यादातर 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किए जाने के बाद येलो अलर्ट जारी किया. IMD ने लोगों को सावधानी बरतने, गर्मी से बचने, हल्के रंग के और ढीले-ढाले सूती कपड़े पहनने और अपने सिर को कपड़े, टोपी या छाते से ढकने की सलाह दी है. इससे पहले 27 मार्च को, DoE ने एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें उसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी और निजी स्कूलों को गर्मी से संबंधित बीमारियों के खिलाफ उपाय अपनाने का निर्देश दिया गया था.  एडवाइजरी में चेतावनी दी गई थी कि दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है, जिससे बच्चों और किशोरों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा हो सकता है.

DoE ने क्या कहा?

DoE ने कई कदम बताए, जिनमें दोपहर की सभाओं से बचना, पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना, छात्रों को नियमित रूप से पानी के ब्रेक देना, धूप में निकलने के दौरान सिर की सुरक्षा को प्रोत्साहित करना, पंखे के सही वेंटिलेशन को बनाए रखना और गर्मी से संबंधित किसी भी बीमारी की सूचना नजदीकी स्वास्थ्य सुविधाओं को देना शामिल है. IMD तब हीट वेव को क्लासिफाइड करता है, जब मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक, पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस या जब तापमान सामान्य से 4.5 से 6.4 डिग्री अधिक हो.