Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां सुरक्षा बलों ने सोमवार को एक बड़ा हादसा होने से समय रहते टाल दिया. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, मंकेली गांव के पास कच्चे रास्ते से पांच आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किए गए हैं, जिन्हें नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए जमीन में गाड़ा था.
सुरक्षा बलों की टीम को मिला विस्फोटक
छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) और स्थानीय पुलिस की एक संयुक्त टीम क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चला रही थी. इसी दौरान उन्हें यह विस्फोटक सामग्री संदिग्ध अवस्था में दिखाई दी. जांच करने पर पता चला कि तीन आईईडी बियर की बोतलों में भरे गए थे, जिनका वजन करीब 2-2 किलो था. दो अन्य आईईडी स्टील के टिफिन डब्बों में रखे गए थे. इनका वजन 3 से 5 किलो के बीच था.
कमांड स्विच से चलने वाले थे बम
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बरामद किए गए सभी आईईडी जमीन के नीचे 3 से 5 मीटर की दूरी पर एक श्रृंखला में लगाए गए थे. इनमें कमांड स्विच तकनीक का इस्तेमाल किया गया था, जिससे इन्हें दूर से नियंत्रित करके विस्फोट किया जा सकता था. यदि समय रहते इनका पता न चलता, तो सुरक्षाबलों को भारी नुकसान हो सकता था.
बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों की पुरानी रणनीति
बस्तर संभाग, जिसमें बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं, नक्सल गतिविधियों से लंबे समय से प्रभावित रहा है. नक्सली आमतौर पर जंगलों और कच्ची सड़कों पर आईईडी लगाकर गश्त कर रही सुरक्षा टीमों को निशाना बनाते हैं. ये विस्फोटक केवल सुरक्षा बलों के लिए ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी खतरा बन चुके हैं. अतीत में कई निर्दोष ग्रामीण भी इन विस्फोटों का शिकार हो चुके हैं.
हाल में हुए अन्य नक्सली हमले
कुछ दिन पहले, 9 अप्रैल को भी बीजापुर जिले में एक प्रेशर आईईडी ब्लास्ट हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया था. यह विस्फोट कोडेपाल नाले के पास हुआ था, जब जवान इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे. बम निरोधक दस्ते का एक सदस्य गलती से आईईडी पर पैर रख बैठा, जिससे धमाका हुआ और उसके पैरों में गंभीर चोटें आईं.
इससे पहले 6 जनवरी को भी बीजापुर में एक बड़ा नक्सली हमला हुआ था, जिसमें आईईडी ब्लास्ट से आठ पुलिसकर्मी और एक वाहन चालक की मौत हो गई थी.