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India Daily

Chhattisgarh: CG यूनिवर्सिटी में 155 हिंदू छात्रों से जबरन पढ़वाई गई नमाज, छात्र बोले- इस्लाम अपनाने के लिए किया गया ब्रेन वॉश

Chhattisgarh CG University: छात्रों ने यह भी बताया कि कैंप के दौरान सभी के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए थे. इस कारण कोई फोटो या वीडियो नहीं लिया जा सका. एक छात्र ने कहा, "हमें जानबूझकर फोन इस्तेमाल करने से रोका गया, ताकि घटना का कोई सबूत न मिल सके."

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Edited By: Gyanendra Tiwari
155 Hindu students were forced to read Namaaz in CG University
Courtesy: Social Media

Chhattisgarh CG University: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय से आई एक खबर ने सभी का ध्यान खींचा है. आरोप है कि इस कैंप में शामिल 155 हिंदू छात्रों को जबरन नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया गया. इसको लेकर छात्रों ने कोनी थाने में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है.

यह मामला 26 मार्च से 1 अप्रैल तक चले शिवतराई, कोटा ब्लॉक के जंगल क्षेत्र में आयोजित एनएसएस कैंप से जुड़ा है. 159 छात्रों में से सिर्फ चार छात्र मुस्लिम थे. छात्रों के अनुसार, 31 मार्च को ईद-उल-फितर के दिन चार मुस्लिम छात्रों को मंच पर नमाज अदा करने के लिए बुलाया गया. इसके बाद अन्य छात्रों को भी उसी तरह नमाज की प्रक्रिया को दोहराने का निर्देश दिया गया.

छात्र बोले - मानसिक रूप से प्रभावित करने की कोशिश

छात्रों ने आरोप लगाया कि यह कोई सांस्कृतिक गतिविधि नहीं थी, बल्कि सोच-समझकर की गई कोशिश थी ताकि उन्हें धार्मिक रूप से प्रभावित किया जा सके. एक छात्र ने बताया, “हमें नमाज के हर स्टेप को सीखने और दोहराने को कहा गया. ऐसा लगा जैसे हमारी मानसिक स्थिति को बदला जा रहा हो.”

छात्रों का कहना है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो कैंप के प्रभारी और कार्यक्रम अधिकारी ने उन्हें चेतावनी दी कि अगर उन्होंने निर्देशों का पालन नहीं किया, तो उन्हें एनएसएस का प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा. यह प्रमाण पत्र उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड और भविष्य के लिए बेहद जरूरी है.

थाने में शिकायत, जांच शुरू

छात्रों ने कैंप प्रभारी डॉ. बसंत कुमार, समन्वयक दिलीप झा समेत अन्य स्टाफ पर धार्मिक दबाव और मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई है. कोनी थाना प्रभारी लक्षेश्वर केवट ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जांच चल रही है और तथ्य एकत्र किए जा रहे हैं. अपराध प्रमाणित होने पर एफआईआर दर्ज की जाएगी.

पहले भी लगे थे धार्मिक कट्टरता के आरोप

यह कोई पहला मामला नहीं है जब विश्वविद्यालय में धार्मिक कट्टरता को लेकर सवाल उठे हों. दो साल पहले मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (MSF) की गतिविधियों को लेकर भी आरोप लगे थे. छात्रों का कहना था कि उन्हें ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया गया.

रिपोर्ट्स के अनुसार, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छात्रों को जोड़ा गया, खासकर केरल से आने वाले छात्रों को निशाना बनाया गया. कई छात्रों ने कहा कि उन्हें बिना अनुमति के ग्रुप में जोड़ा गया और फिर धार्मिक एजेंडे के तहत प्रभावित करने की कोशिश की गई.