लंदन से पढ़ाई, 2022 में CM बनने का दावा फिर करारी हार, अब कहां गुम हैं द प्लूरल्स पार्टी की चीफ पुष्पम प्रिया चौधरी?

Pushpam Priya Choudhary: साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अखबारों में बड़ा विज्ञापन देकर 'द प्लूरल्स पार्टी' बनाने और खुद को CM कैंडिडेट घोषित करने वाली पुष्म प्रिया चौधरी लोकसभा चुनाव में सुर्खियों से लगभग गायब हैं. जिस दमदार अंदाज में पुष्पम प्रिया बिहार की राजनीति में एंट्री ली, वैसा दमखम फिर कभी नहीं दिखा. 

Social Media
Shiv Pujan Jha

Pushpam Priya Choudhary: साल 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सियासत में जबरदस्त रूप से एंट्री मारने वाली और 10 साल में बिहार को बदल देने का दावा करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी धीरे-धीरे सुर्खियों से गायब होती जा रही हैं. उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार की राजनीति में एक बार फिर से सक्रिय होंगी, लेकिन अब तक तो ऐसा होता नहीं दिख रहा है. 

हालांकि से पुष्पम प्रिया चौधरी सोशल मीडिया पर अभी भी काफी एक्टीव हैं और बिहार की सियासत को नई दिशा देने की बात करती रहती हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के अखाड़े में न तो वो उतर रही हैं और न ही उनकी पार्टी की तरह से किसी के उतरने के कोई संकेत मिल रहे हैं।

पुष्पम प्रिया के पिता थे विनोद कुमार चौधरी

फिलहाल पुष्पम प्रिया अपने पिता विनोद कुमार चौधरी अपनी राजनीतिक विरासत को ही आगे बढ़ाने की कवायद में जुटी हैं. दरअसल पुष्पम प्रिया के पिता प्रो. विनोद कुमार चौधरी JDU के पूर्व MLC और वरिष्ठ नेता थे। उनके नीतीश कुमार के उनके बहुत ही अच्छे संबंध थे. पिछले दिनों जब विनोद कुमार चौधरी का निधन हुआ तो उनके घर जाकर नीतीश कुमार ने शोक-संवेदना भी व्यक्त किया था. 

पुष्पम प्रिया ने लंदन से की है पढ़ाई

दरअसल वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले विदेश से दो विषयों में पीजी की पढ़ाई करने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार की सियासत में अचानक एंट्री मारी. लोगों को पुष्पम प्रिया बारे में उस समय पता चला जब एक सुबह बिहार के तमाम छोटे-बड़े अखबारों के पहले और पूरे पन्ने पर पुष्म प्रिया के विज्ञापन देखा.

खुद को घोषित किया था CM कैंडिडेट 

अपने उस विज्ञापन के साथ पुष्पम प्रिया ने न सिर्फ बिहार की सियासी मैदान में एंट्री मारी, बल्कि 'द प्लूरल्स पार्टी' नाम की एक पार्टी का भी ऐलान किया. साथ ही पुष्पम प्रिया खुद को पार्टी की ओर मुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित कर दिया. इस दौरान उन्होंने अपने साथ पढ़े-लिखे युवाओं जोड़ने की भी कोशिश की और द प्लूरल्स पार्टी की ओर से 43 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को भी उतारा. 

विधानसभा चुनाव में नहीं चला जादू

लेकिन जिस अंदाज में उन्होंने बिहार की राजनीति में एंट्री मारी, उनका उतना पैनापन नजर नहीं आया. पार्टी को सभी 43 सीटों पर मुंह की खानी पड़ी. खुद बांकीपुर और बिस्फी से चुनावी मैदान में उतरी पुष्पम प्रिया को दोनों ही सीटों पर हार का सामना करना पड़ा. पुष्पम प्रिया को बांकीपुर सीट पर 5,189 तो बिस्फी विधानसभा सीट पर महज 1509 वोट ही मिले.

ड्रेस के कारण भी सूर्खियों में रहीं

अपने अंदाज और अदा के साथ-साथ काले रंग के ड्रेस से भीड़ तो आकर्षित करने वाली पुष्म प्रिया 2020 के विधान सभा चुनाव में EVM पर कुछ कमाल नहीं कर पाई और राजनीति में खास दिलचस्पी के बावजूद धीरे-धीरे नेपत्थ्य में चली गईं. फिलहाल वो चुनावी अखाड़े से दूर अपने लिए सायासी जमीन तैयार करने में जुटी हैं.