Nitish Kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से अपनी नई यात्रा, जिसे 'प्रगति यात्रा' नाम दिया गया है, की शुरुआत करने जा रहे हैं. यह यात्रा पश्चिम चंपारण से शुरू होगी और पहले चरण में पांच जिलों का दौरा किया जाएगा. यात्रा का समापन 28 दिसंबर को होगा, और इस दौरान नीतीश कुमार पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले का दौरा करेंगे.
पहले यह खबर आई थी कि मुख्यमंत्री की यात्रा 15 दिसंबर से शुरू होगी, लेकिन अब इसकी शुरुआत 23 दिसंबर को तय की गई है. इसके अलावा, यात्रा के नाम में भी बदलाव देखा गया है. शुरुआत में इस यात्रा को 'महिला संवाद यात्रा' कहा गया था, फिर इसे 'समाज सुधार यात्रा' नाम दिया गया, और अब इसे 'प्रगति यात्रा' के रूप में प्रस्तुत किया गया है. इस पर विपक्ष ने तीखा हमला बोला है.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि वे बार-बार अपनी यात्रा का नाम बदल रहे हैं. तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बार-बार नाम बदलने से यह साफ हो जाता है कि नीतीश कुमार मानसिक रूप से अस्थिर हो चुके हैं और उनकी यात्रा का कोई ठोस उद्देश्य नहीं है. उन्होंने कहा, 'यह दर्शाता है कि नीतीश कुमार सरकार में अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इन यात्राओं का सहारा ले रहे हैं.'
बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को (𝟐𝟐𝟓𝟕𝟖𝟎𝟎𝟎𝟎𝟎₹) 𝟐 अरब 𝟐𝟓 करोड़ 𝟕𝟖 लाख की अलविदा यात्रा पर निकलने से पूर्व बिहार की जनता से क्षमा-याचना माँगनीं चाहिए कि 𝟐𝟎 वर्षों में कथित यात्राओं के माध्यम से राजनीतिक पर्यटन पर निकलने के बावजूद वो अभी तक वास्तविक…
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 20, 2024
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से कई सवाल पूछे हैं, जो उनके 20 साल के शासनकाल की आलोचना करते हैं:
प्रतिव्यक्ति आय में कमी: नीतीश कुमार ने पूछा कि 20 सालों तक मुख्यमंत्री रहने के बावजूद बिहार की लिए व्यक्ति आय देश में सबसे कम क्यों है?
मानव विकास सूचकांक: बिहार मानव विकास सूचकांक और नीति आयोग के सत्तत विकास सूचकांक में हर मापदंड में क्यों सबसे पिछड़ा हुआ है? एक भी संकेतक को सुधारने में 200 साल क्यों लग रहे हैं?
शिक्षा क्षेत्र की स्थिति: 20 साल बाद भी 36.7% सरकारी स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय नहीं हैं, और 5681 सरकारी स्कूलों के पास अपनी इमारत नहीं है, इसका जवाब क्या होगा?
स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट: मुख्यमंत्री की यात्राओं के बावजूद जिले के अस्पतालों की स्थिति क्यों सुधार नहीं पाई? 17 महीने तक राजद सरकार ने मिशन-60, मिशन परिवर्तन और मिशन बुनियाद जैसे कार्यक्रमों से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया था, लेकिन अब क्यों स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट आई है?
भ्रष्टाचार और अफ़सरशाही: क्या मुख्यमंत्री ने बिहार के थानों और कार्यालयों में व्याप्त रिश्वतखोरी और अफसरशाही को खत्म करने के लिए कोई कदम उठाया है?
चीनी मिलें बंद क्यों हुईं: मुख्यमंत्री के शासन में बिहार की चीनी मिलें बंद हो गईं। क्या कारण है कि डबल इंजन सरकार होने के बावजूद भी चीनी मिलों को नहीं खोला गया?
रिक्त पदों का मुद्दा: 17 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद मुख्यमंत्री को यह नहीं पता चला कि विभिन्न विभागों में 10 लाख पद रिक्त हैं। क्या यह उनकी प्रशासनिक विफलता नहीं है?
बेरोजगारी की स्थिति: क्या मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि बिहार के लाखों लोग रोजगार की तलाश में राज्य से बाहर पलायन कर रहे हैं? क्या यह दर्शाता है कि उनकी सरकार बेरोज़गारी को गंभीरता से नहीं ले रही?
प्राकृतिक आपदाओं का समाधान: हर साल बिहार बाढ़ और सुखाड़ जैसी समस्याओं से जूझता है, लेकिन मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया?
किसान समस्याएं और खाद संकट: क्या मुख्यमंत्री को राज्य में किसानों की समस्याओं और खाद की किल्लत के बारे में जानकारी है?
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री से सवाल पूछा है कि क्या उन्हें अब भी नहीं लगता कि उनकी यात्राओं और घोषणाओं का कोई परिणाम नहीं निकला? 'क्या उन्हें अपनी विफलता के लिए जनता से क्षमा नहीं मांगनी चाहिए?' तेजस्वी ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की योजनाओं और घोषणाओं का पालन नहीं होने से यह साफ है कि राज्य में प्रशासनिक और राजनीतिक अस्थिरता है.