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'किसी को कुछ हुआ तो जिम्मेदार सरकार होगी', आंदोलन कर रहे BPSC के अभ्यार्थियों को मिला तेजस्वी का साथ, नीतीश को घेरा

BPSC Protest: तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए और इस मुद्दे का समाधान तुरंत करना चाहिए.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Tejashwi Yadav slams Nitish Kumar over Bihar Public Service Commission Protest
Courtesy: Social Media

BPSC Protest: बिहार में बीपीएससी (Bihar Public Service Commission) की परीक्षा को लेकर छात्रों के बीच गहरा आक्रोश है. 70वीं BPSC परीक्षा में कथित कदाचार और प्रशासनिक विसंगतियों को लेकर छात्रों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. इस आंदोलन के बीच बिहार के नेता तेजस्वी यादव ने छात्रों का समर्थन किया और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मुद्दे को हल करने की अपील की है.

BPSC परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर छात्र लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में धोखाधड़ी और अनियमितताएं हुई हैं, जिससे उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है. कई छात्र अनशन पर भी बैठे हैं और उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा.

तेजस्वी यादव ने सरकार पर साधा निशाना

तेजस्वी यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने बिहार सरकार और BPSC की आलोचना की. तेजस्वी ने लिखा, “70वीं BPSC परीक्षा में कदाचार, आयोग की हठधर्मिता और प्रशासनिक विसंगतियों के कारण आंदोलनरत परीक्षार्थियों की मांगों के समर्थन में मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. शिक्षा सत्याग्रह में अनशन पर बैठे छात्रों की तबियत बिगड़ रही है. कल रात मैंने उनसे मुलाकात की, अगर उन्हें कुछ होता है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार और BPSC के अध्यक्ष पर होगी. एक ही नारा, एक ही मांग - सभी का हो, Re-Exam.”

तेजस्वी यादव का यह बयान आंदोलनरत छात्रों के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है. तेजस्वी ने यह भी कहा कि अगर आंदोलन में भाग ले रहे छात्रों को कुछ हो जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी बिहार सरकार और BPSC के अधिकारियों पर होगी. 

क्या है छात्रों की मुख्य मांग

आंदोलन कर रहे छात्रों की सबसे बड़ी मांग यह है कि 70वीं BPSC परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित की जाए. छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में कई तरह की अनियमितताएँ पाई गई हैं, जिससे उनके लिए निष्पक्षता और न्याय की संभावना समाप्त हो गई है. छात्र यह भी कह रहे हैं कि अगर सरकार और आयोग ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया, तो आंदोलन और तेज होगा.