menu-icon
India Daily

तेजस्वी यादव का लालू वाला अंदाज देख हो जाएंगे हैरान, वीडियो में देखें सतुआन पर्व के दिन महादलित के घर जाकर किया क्या काम?

राजद नेता तेजस्वी यादव ने राघोपुर में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई. इसके बाद उन्होंने रामपुर पंचायत के महादलित टोले में दलित परिवारों के साथ सतुआनी पर्व का आनंद लिया.

auth-image
Edited By: Garima Singh
Tejashwi Yadav
Courtesy: X

Tejashwi Yadav: राजद नेता तेजस्वी यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई. इस खास मौके पर उन्होंने रामपुर पंचायत के महा दलित टोले में दलित परिवारों के साथ सतुआनी पर्व का आनंद लिया. इस दौरान तेजस्वी यादव ने सत्तू खाकर बिहार की समृद्ध परंपरा को जीवंत किया. तेजस्वी ने न केवल बाबा साहेब को श्रद्धांजलि दी, बल्कि सत्तू को बिहार की सांस्कृतिक धरोहर बताते हुए इसके पौष्टिक गुणों का भी जिक्र किया. 

रामपुर पंचायत के महादलित टोले में तेजस्वी यादव ने दलित परिवार के घर सत्तू खाकर सतुआनी मनाई. उनकी थाली में कच्चा प्याज, हरी मिर्च, कच्चा आम और अचार जैसे पारंपरिक व्यंजन थे. सत्तू को पानी में मिलाते समय तेजस्वी ने मेजबान से हंसते हुए पूछा, "अचरवा कहां है जी?" तेजस्वी ने सत्तू की गुठली बनाकर बड़े चाव से खाया. इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की. 

सत्तू: गरीबों और मजदूरों का पौष्टिक आहार

तेजस्वी ने सत्तू को बिहार का गौरव बताते हुए कहा कि यह गरीबों और मजदूरों का भोजन है. जो अब हर वर्ग में मशहूर है. उन्होंने बताया, "सत्तू मक्का, जौ, बाजरा और चने को भूनकर पीसकर बनाया जाता है. यह बहुत पौष्टिक होता है, लेकिन इसे पचाना थोड़ा मुश्किल होता है." तेजस्वी ने अपने बचपन की यादें ताजा करते हुए कहा कि उनके पिता लालू यादव ने ही उन्हें पहली बार सत्तू खिलाया था.

बाबा साहेब को श्रद्धांजलि और जनसभा

सतुआनी पर्व के बाद तेजस्वी ने राजद के प्रदेश कार्यालय में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की.  उन्होंने बाबा साहेब के चित्र पर पुष्प चढ़ाए और कहा, "आज हम न केवल बाबा साहेब की जयंती मनाते हैं बल्कि उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प भी लेते हैं.' इसके बाद, उन्होंने राघोपुर में एक जनसभा को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने सामाजिक समानता और बाबा साहेब के विचारों को जनता के सामने रखा.