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बिहार की राजनीति में हलचल, क्या फिर बदलेगा नीतीश कुमार का फैसला?

नीतीश कुमार के सियासी फैसले हमेशा से चर्चा में रहे हैं. वह तीन बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़कर महागठबंधन में जा चुके हैं. हालांकि, इस बार खुद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा के साथ ही बने रहेंगे और अब किसी अन्य दल में जाने का सवाल ही नहीं उठता.

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Edited By: Gyanendra Sharma
nitish kumar
Courtesy: Social Media

बिहार की राजनीति में एक बार फिर अटकलों का बाजार गर्म है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि जदयू प्रमुख एक बार फिर राजद के खेमे में आ सकते हैं. यह बयान ऐसे समय आया है जब बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और सभी राजनीतिक दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं.  

नीतीश कुमार के सियासी फैसले हमेशा से चर्चा में रहे हैं. वह तीन बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का साथ छोड़कर महागठबंधन में जा चुके हैं. हालांकि, इस बार खुद नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा के साथ ही बने रहेंगे और अब किसी अन्य दल में जाने का सवाल ही नहीं उठता.  

इसके बावजूद राजद नेता भाई वीरेंद्र का बयान राजनीतिक हलकों में नई चर्चाओं को जन्म दे रहा है. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, नीतीश कुमार हमारे साथ आने वाले हैं, तो दिल्ली कैसे जाते? उनका यह बयान तब आया जब उनसे पूछा गया कि नीतीश कुमार ने दिल्ली में हुए शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत क्यों नहीं की.  

तेजस्वी यादव ने किया इनकार

हालांकि, राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पहले ही कह चुके हैं कि अब उनकी पार्टी के दरवाजे नीतीश कुमार के लिए बंद हो चुके हैं. उनका कहना है कि बार-बार पाला बदलने से राजनीति की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है. इसके बावजूद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने संकेत दिए हैं कि यदि नीतीश कुमार वापसी का फैसला करते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा.  

आगामी चुनाव और राजनीतिक समीकरण 

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इससे पहले राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है. सभी दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं और मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह के दावे किए जा रहे हैं. भाजपा और जदयू गठबंधन सरकार को बरकरार रखने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं, वहीं विपक्षी दल सत्ता में वापसी के लिए नई योजनाओं पर काम कर रहे हैं.