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कानून के गिरफ्त में आया नीट पेपर लीक का मास्टर माइंड संजीव मुखिया, पटना से गिरफ्तार, 3 लाख का था इनाम

जांच में मुखिया के खिलाफ कई सबूत मिले हैं. मुखिया न सिर्फ 1 मई 2024 को होने वाली नीट-यूजी परीक्षा, बल्कि 1 अक्टूबर 2023 को होने वाली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और 15 मार्च 2024 को होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मास्टरमाइंड है. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा तो रद्द भी करनी पड़ी थी. मुखिया के खिलाफ कुल चार मामले दर्ज हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Sanjeev Mukhia, mastermind of NEET paper leak arrested in patna.
Courtesy: x and google

NEET Paper leak Mastermind: नीट-यूजी पेपर लीक मामले का मुख्य आरोपी और मास्टर माइंड गिरफ्तार हो गया है. गुरुवार देर रात बिहार पुलिस की एसटीएफ ने मुखिया को हथकड़ी लगाई. पटना में ही दुबककर बैठा हुआ था. मुखिया के सिर पर पुलिस ने तीन लाख का इनाम रखा था. बिहार पुलिस ने इससे पहले नीट-यूजी पेपर लीक मामले के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया की गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले पर 9 अप्रैल से 3 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था. इसके अलावा दो अन्य अपराधियों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया है. जान लें कि इस केस में मुखिया के बेटे सहित कुल 36 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. फिलहाल बिहार एसटीएफ और ईओयू की टीम मिलकर मुखिया से पूछ-ताछ कर रही है. 

 नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र का रहने वाला मुखिया पर चार मामले दर्ज हैं. वह पिछले मई महीने से नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी से बच रहा है. वहीं, नालंदा जिले के भगोड़े शुभम कुमार और अरवल के राज किशोर कुमार पर एक-एक लाख रुपये का इनाम रखा गया है. इन दोनों पर दो-दो मामले दर्ज हैं. बिहार पुलिस मुख्यालय के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने भगोड़े मुखिया पर इनाम रखने के लिए राज्य के गृह विभाग को प्रस्ताव भेजा था, जिसे मंजूरी मिल गई है.

जांच मिले पुख्ता सबूत 

जांच में मुखिया के खिलाफ कई सबूत मिले हैं.  मुखिया न सिर्फ 1 मई 2024 को होने वाली नीट-यूजी परीक्षा, बल्कि 1 अक्टूबर 2023 को होने वाली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा और 15 मार्च 2024 को होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक का मास्टरमाइंड है. कांस्टेबल भर्ती परीक्षा तो रद्द भी करनी पड़ी थी. मुखिया के खिलाफ कुल चार मामले दर्ज हैं.

सबूतों के अभाव में छूट

मुखिया का नाम पहली बार 2010 में पेपर लीक मामले में आया था. लेकिन तब पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई थी. उसे पहली बार 2016 में उत्तराखंड में मेडिकल परीक्षा का पेपर लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन सबूतों के अभाव में दो महीने में ही जमानत मिल गई थी.