Rahul Gandhi Event in Patna: बिहार की राजनीति में उस समय हलचल मच गई जब स्वतंत्रता सेनानी और दलित नेता जगलाल चौधरी के बेटे भूदेव चौधरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कार्यक्रम में अपमान का आरोप लगाया. भूदेव चौधरी का कहना है कि उन्हें न सिर्फ मंच पर जगह नहीं दी गई, बल्कि राहुल गांधी से मिलने की अनुमति भी नहीं दी गई. इस घटना को लेकर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है, जहां भाजपा और जद(यू) ने कांग्रेस पर दलितों के अपमान का आरोप लगाया है.
कांग्रेस पार्टी ने बिहार के नामी दलित नेता और आजादी के आंदोलन में भाग लेने वाले जगलाल चौधरी की जयंती के अवसर पर पटना में एक कार्यक्रम आयोजित किया था. जगलाल चौधरी स्वतंत्रता संग्राम के बाद बिहार में कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे. इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल हुए और सभा को संबोधित किया.
हालांकि, भूदेव चौधरी का आरोप है कि उन्हें इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था, जबकि यह उनके पिता की जयंती से जुड़ा आयोजन था. बावजूद इसके, जब वह समारोह में पहुंचे, तो उन्हें मंच पर जाने और राहुल गांधी से मिलने से रोक दिया गया.
भूदेव चौधरी ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए कहा, 'मैं अपने पिता की जयंती पर आयोजित समारोह में मंच पर जाकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलना चाहता था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने मुझे ऐसा करने नहीं दिया. यह मेरे लिए बेहद अपमानजनक अनुभव था.' उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें इस आयोजन में शामिल होने का न्योता तक नहीं दिया, जबकि यह पूरा कार्यक्रम उनके पिता की स्मृति में था.
इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम कांग्रेस द्वारा नहीं, बल्कि एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) द्वारा आयोजित किया गया था, और कांग्रेस केवल 'सुविधाकर्ता' की भूमिका में थी.
उन्होंने कहा, 'मुझे पता चला है कि भूदेव चौधरी को समारोह में उचित सम्मान नहीं दिया गया, जो गलत है. मैं इस घटना की निंदा करता हूं. लेकिन यह कार्यक्रम कांग्रेस द्वारा नहीं, बल्कि एक NGO द्वारा आयोजित किया गया था. फिर भी, मैं उन्हें गुरुवार को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी (BPCC) के कार्यालय सदाकत आश्रम में आमंत्रित करूंगा.'
हालांकि, भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए इसे दलित विरोधी मानसिकता का प्रमाण बताया. बिहार भाजपा के नेता नीरज कुमार ने कहा, 'इस घटना ने कांग्रेस पार्टी का असली चेहरा उजागर कर दिया है. वे केवल दलितों के वोट लेना चाहते हैं, लेकिन सम्मान देने की उनकी मंशा नहीं होती.' जद(यू) ने भी कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पार्टी कभी भी दलित समाज का सम्मान नहीं कर सकती और यह घटना उसी मानसिकता को दर्शाती है.
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. ऐसे में दलित समुदाय तक अपनी पहुंच बनाने के लिए कांग्रेस ने यह कार्यक्रम आयोजित किया था. लेकिन इस घटना ने कांग्रेस की रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
भाजपा और जद(यू) इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर हमलावर हैं और इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं. अब देखना होगा कि कांग्रेस इस विवाद से उबरने के लिए क्या कदम उठाती है और भूदेव चौधरी को सम्मान देने के लिए क्या प्रयास किए जाते हैं.