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India Daily

'सरकार बनते ही एक घंटे में हटा देंगे शराब से बैन', बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ये क्या बोल गए प्रशांत किशोर

Prashant Kishor: इस बार बिहार के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी. उन्होंने कहा कि अगर बिहार में उनकी सरकार बनती है तो एक घंटे के अंदर शराब पर से बैन हटा दीजिएगा.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Prashant Kishor said will remove it in an hour ban on liquor in Bihar Assembly Election Jan Suraaj
Courtesy: Social Media

Prashant Kishor: चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर उनकी पार्टी 'जन सुराज' बिहार में सत्ता में आती है तो राज्य में लागू शराबबंदी कानून को एक घंटे के भीतर हटा दिया जाएगा. उन्होंने कहा, “एक घंटे में हटा देंगे. बिहार में असली शराबबंदी है ही नहीं. दुकानों को बंद कर दिया गया है लेकिन घर-घर शराब की डिलीवरी हो रही है.”

15-20 हजार करोड़ का नुकसान

प्रशांत किशोर ने शराबबंदी को लेकर सरकार पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इस कानून से बिहार को हर साल 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है. यह पैसा सीधे शराब माफिया की जेब में जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर शराबबंदी इतनी अच्छी है तो इसे पूरे देश में क्यों लागू नहीं किया गया?

“सिर्फ बिहार वालों को ही क्यों ये ‘मीठा’?”

उन्होंने केंद्र और अन्य राज्यों की पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि अगर शराबबंदी से महिलाओं को ताकत मिल रही है और अपराध कम हो रहा है, तो फिर इसे देशभर में लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने पूछा, “अगर ये नियम इतना अच्छा है तो सिर्फ बिहार वालों को ही क्यों दिया जा रहा है, बाकी देश को इससे क्यों वंचित रखा गया है?”

243 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी जन सुराज

प्रशांत किशोर ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जन सुराज पार्टी कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी. उन्होंने कांग्रेस और आरजेडी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार की जनता 'जंगलराज' के दौर को पहले ही देख चुकी है.

चिराग पासवान की जातिवाद मुक्त राजनीति की तारीफ

प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान की राजनीति की भी चर्चा की. उन्होंने कहा कि उन्हें चिराग इसलिए पसंद हैं क्योंकि वे जातिवाद की राजनीति नहीं करते. हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे बीजेपी से गठबंधन के कारण चिराग से सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा, “रामविलास पासवान ने धर्मनिरपेक्ष राजनीति के लिए कई बलिदान दिए. उन्होंने कभी मुख्यमंत्री नहीं बनने की बात कही थी और चाहते थे कि कोई मुस्लिम उस पद पर आए.”