'मेरा एकमात्र उद्देश्य....', BPSC के सहारे प्रशांत किशोर चमकाएंगे अपनी राजनीति! परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे

लोकप्रिय समाजवादी नेता और जन सुराज के संस्थापक, प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा हाल ही में आयोजित परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा की.

लोकप्रिय समाजवादी नेता और जन सुराज के संस्थापक, प्रशांत किशोर ने गुरुवार को बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा हाल ही में आयोजित परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर आमरण अनशन शुरू करने की घोषणा की. यह कदम उन्होंने गांधी मैदान पर उठाया, जो उस स्थान से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है, जहां पिछले दो हफ्तों से प्रभावित उम्मीदवारों का प्रदर्शन जारी था.

परीक्षा रद्द करने की मांग
प्रशांत किशोर ने कहा कि उनकी प्रमुख मांग है कि BPSC परीक्षा को रद्द किया जाए और इसके लिए नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाए. साथ ही, उन्होंने उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षा से संबंधित पदों को "बेचने" का काम किया है. उन्होंने कहा, "मेरा एकमात्र उद्देश्य यह है कि परीक्षा की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए और उन अधिकारियों को सजा मिले जिन्होंने इसे भ्रष्टाचार का शिकार बनाया."

BPSC पेपर लीक के खिलाफ आंदोलन ने पकड़ा जोर
प्रशांत किशोर ने इस अनशन का ऐलान उस समय किया जब BPSC परीक्षा में कथित पेपर लीक के खिलाफ उम्मीदवारों का आंदोलन जोर पकड़ चुका था. 13 दिसंबर 2024 को आयोजित संयुक्त प्रतिस्पर्धी परीक्षा के पेपर लीक के मामले में राज्य सरकार की निष्क्रियता के कारण गुस्साए उम्मीदवारों ने लगभग दो सप्ताह से गांधी मैदान में लगातार विरोध प्रदर्शन जारी रखा है.

पहले, प्रदर्शकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना से मुलाकात की थी, और प्रशांत किशोर ने यह घोषणा की थी कि अगर राज्य सरकार इस मामले पर तत्काल कार्रवाई नहीं करती है, तो वे आंदोलन को और तेज कर देंगे.

पिछले कुछ हफ्तों में, यह मामला तब चर्चा में आया जब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ने यह खुलासा किया कि BPSC परीक्षा में कथित पेपर लीक हुआ था. आरोप लगाए गए कि इस पेपर लीक के पीछे कुछ भ्रष्ट सरकारी अधिकारी और संगठन थे, जिन्होंने परीक्षा के परिणाम को प्रभावित करने के लिए कुछ पदों को बेचने का काम किया था. इस मुद्दे ने राज्य भर में छात्रों और आम जनता का ध्यान आकर्षित किया, और इसके खिलाफ विरोध तेज हो गया.

प्रशांत किशोर की भूमिका
प्रशांत किशोर, जो पहले चुनावी रणनीतिकार के रूप में विख्यात थे, ने जन सुराज के माध्यम से राज्य में सुधार की दिशा में कई कदम उठाए हैं. वे हमेशा ही समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार और शासन की विफलताओं के खिलाफ मुखर रहे हैं. उनका यह अनशन इस समय बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, और यह राज्य में न्याय की लड़ाई को और तेज कर सकता है.

राज्य सरकार की प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर के अनशन की घोषणा के बाद से राज्य सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके प्रशासन ने इस मामले में कई बार बयान दिए हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. यदि सरकार जल्द ही इस मुद्दे पर कोई कार्यवाही नहीं करती है, तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.