Rape and murder of Dalit teen in Bihar: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक गांव में एक दलित किशोरी का शव क्षत-विक्षत हालत में मिलने के बाद छह लोगों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज किया गया है. इस घटना ने राजनीतिक घमासान छेड़ दिया है, जिसमें विपक्ष तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रहा है.
पुलिस के अनुसार, दलित परिवार से ताल्लुक रखने वाली नाबालिग लड़की का शव मंगलवार सुबह गांव के एक तालाब के पास मिला था. लड़की की मां ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि संजय राय नाम के एक व्यक्ति और उसके कुछ साथियों ने 11 अगस्त को उनके घर में जबरन प्रवेश किया और उनकी बेटी का अपहरण कर लिया.
शिकायत के अनुसार, संजय राय पड़ोसी गांव का रहने वाला है. शिकायत में कहा गया है कि हालांकि उस समय उनके पति और बेटा घर पर थे, लेकिन हथियारबंद हमलावरों के डर से वे अपहरण को रोक नहीं सके.
शिकायत में कहा गया है, "राय दलित होने के कारण हमें प्रताड़ित कर रहा था और राय एक प्रभावशाली यादव परिवार से आता है."
राय और पांच अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 70 (गैंगरेप) और 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया गया है और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं. राय फिलहाल फरार है. मुजफ्फरपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का अभी इंतजार है और अभी तक बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है.
उन्होंने कहा, "मृतक के गर्दन, सिर और हथेली के पिछले हिस्से पर धारदार हथियार से चोट के निशान मिले हैं. एफएसएल टीम और डॉग स्क्वाड द्वारा मौके से सबूत जुटाए गए हैं. एक खलीफा बरामद किया गया है."
पीड़ित के पिता संजय यादव के अनुसार, संजय यादव उनकी बेटी से शादी करना चाहता था, जो कक्षा 9 की ड्रॉपआउट थी. शिकायतकर्ता ने एफआईआर में यादवों की तरफ से छेड़े जाने का जिक्र किया है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा,'हमें यादवों द्वारा एक या दूसरे बहाने से प्रताड़ित किया जाता रहा है. हम में से कई उनके लिए काम करते थे. हाल ही में, संजय राय मेरी नाबालिग बेटी से शादी करने के लिए दबाव डाल रहा था. डर के कारण उसने स्कूल छोड़ दिया. उसने धमकी दी थी कि अगर हमने उससे मेरी बेटी की शादी नहीं कराई तो उसे मार डालेगा. हम अपनी किशोरी बेटी की शादी 45 साल के आदमी से कैसे करा सकते थे?"
इस घटना ने राज्य में राजनीतिक घमासान छेड़ दिया है, जिसमें विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
राजद नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, "भीषण घटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पकड़ खोने का सबूत है. हत्या, बलात्कार और अन्य गंभीर अपराध आम बात हो गए हैं."
बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने भी मंगलवार को एक ट्वीट में इस घटना का जिक्र किया.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष ने एक्स पर हिंदी में पोस्ट किया, "बिहार के मधुबनी जिले में कुछ दिन पहले कमलेश यादव व उनके साथियों द्वारा 18 वर्षीय दलित युवती का सामूहिक बलात्कार एवं मुजफ्फरपुर जिले में संजय राय (यादव) व उनके साथियों द्वारा 14 वर्षीय दलित युवती का सामूहिक बलात्कार कर निर्मम हत्या करना घोर निंदनीय है."
पोस्ट में आगे कहा गया है: "बसपा बिहार राज्य इकाई से प्राप्त यह रिपोर्ट बहुत दुखद और चिंताजनक है. बिहार सरकार को इन दोनों घटनाओं को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं फिर न हों. सरकार को दलितों की सुरक्षा और सम्मान पर विशेष ध्यान देना चाहिए."
इस बीच, स्थानीय बसपा नेता विजय कुमार ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की.
उन्होंने कहा, "यह क्रूरता का एक स्पष्ट मामला है और इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए. आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति है. अगर पुलिस आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने में विफल रहती है, तो हम विरोध दर्ज कराएंगे." जनता दल (यूनाइटेड) ने अपनी ओर से कहा है कि पुलिस "पूरी गंभीरता से मामले से निपट रही है".
जेडी(यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, "छापेमारी की जा रही है. अपराध की किसी भी घटना की जांच मानक प्रक्रिया के अनुसार की जाती है. इसे राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए. हम भी घटना की निंदा करते हैं और पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने की पूरी कोशिश कर रही है."