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India Daily

प्रशांत किशोर को एंबुलेंस में बैठाकर सात घंटे घुमाती रही पुलिस! फिर कराया मेडिकल; अब कोर्ट में पेशी की तैयारी

पटना सिविल कोर्ट की ओर से पेश होने से पहले मेडिकल जांच करवाने का आदेश दिया गया था. सुबह 4 बजे हिरासत में लेने के बाद पहले पुलिस उन्हें पहले एम्स पटना फिर नौबत पुर तो कभी पीपलवां ले गई. किशोर को सात घंटो तक एंबुलेंस में घुमाने के बाद राजधानी पटना से 30 किलोमीटर दुर फतुहा में उनका मेडिकल जांच कराया गया है. 

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Edited By: Shanu Sharma
Prashant Kishor
Courtesy: Social Media

Prashant Kishor: बिहार में सियासी गर्मी तब और बढ़ गई जब जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा दोबारा कराने की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए. 2 जनवरी से भूख हड़ताल पर बैठे किशोर को सोमवार की सुबह पुलिस ने हिरासत में ले लिया. जिसके बाद उन्हें 7 घंटे तक एंपुलेंस में घुमाया गया.

मिल रही जानकारी के मुताबिक पटना सिविल कोर्ट की ओर से पेश होने से पहले मेडिकल जांच करवाने का निर्देश दिया गया था. जिसके बाद पुलिस ने उन्हें सुबह 4 बजे गिरफ्तार करने के बाद पहले  एम्स पटना फिर नौबत पुर तो कभी पीपलवां ले गई. किशोर को सात घंटो तक एंबुलेंस में घुमाने के बाद राजधानी पटना से 30 किलोमीटर दुर फतुहा में उनका मेडिकल जांच कराया गया है. 

अदालत ने दिया था आदेश 

पटना सिविल कोर्ट के आदेश के मुताबिक उनका मेडिकल जांच करा लिया गया है और अब उन्हें कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है. किशोर को पुलिस ने हिरासत में इसलिए लिया क्योंकि उन्होंने अनशन करने से पहले कोई इजाजत नहीं ली थी. हालांकि कोर्ट द्वारा पहले इसके लिए नोटिस जारी करते हुए कहा गया था कि धरना-प्रदर्शन के लिए निर्धारित जगह गर्दनीबाग है, आप उसी इलाके में करें लेकिन, उन्होंने अदालत की बात नहीं मानी और पिछले 6 दिनों तक गांधी मैदान में गांधी प्रतिमा के नीचे बैठकर भूख हड़ताल करते रहे. प्रशांत किशोर द्वारा किए जा रहे भूख हड़ताल के बीच उनकी वैनिटी वैन भी काफी चर्चे में रही. इस वैनिटी वैन को प्रशांत किशोर और उनके साथ बैठे लोग शौचालय के लिए इस्तेमाल कर रहे थे. 

क्या है अनशन का मकसद?

बता दें कि 13 दिसंबर को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगा. जिसके बाद बिहार सरकार द्वारा कुछ केंद्रों पर परीक्षा रद्द कर के 4 जनवरी को दोबारा परीक्षा ली गई. जिसके बाद परीक्षार्थियों द्वारा सभी केंद्रो पर परीक्षा रद्द करने की मांग तेज हो गई. प्रशांत किशोर की पार्टी की ओर से कहा गया कि परीक्षा रद्द करने का मतलब है कि अनियमितता हुई है, इसलिए किसी भी छात्र के साथ अन्याय ना हो, इसलिए सभी केंद्रो पर परीक्षा रद्द की जाए और दोबारा परीक्षा ली जाए.