जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई है. साथ ही उन्होंने शीर्ष पद से उनके इस्तीफे की मांग की. किशोर ने मांग की कि राज्य सरकार सीएम के मानसिक स्वास्थ्य पर एक मेडिकल बुलेटिन जारी करे. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा कि यदि मेडिकल बुलेटिन जारी किया जाता है, तो इससे लोगों के मन से नीतीश कुमार की मानसिक स्थिति के बारे में कोई भी संदेह दूर हो जाएगा. लेकिन मुझे यकीन है कि वह ऐसी किसी बात के लिए सहमत नहीं होंगे.
शेखपुरा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किशोर ने दावा किया कि राज्य सरकार जानबूझकर उन्हें सार्वजनिक जांच से बचा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार को समारोहों और प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने से रोका जा रहा है.
'मंत्रिमंडल के सहयोगियों के नाम भूल रहे हैं'
प्रशांत किशोर ने आगे आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के नाम भूल रहे हैं और दौरे के दौरान यह भी याद नहीं रख पाते कि वे किस जिले में हैं. उन्होंने दावा किया बीपीएससी परीक्षाओं को लेकर हाल में हुए आंदोलन के दौरान मुझे पता चला कि उन्हें राज्य में हो रही घटनाओं की जानकारी नहीं है. किशोर की यह टिप्पणी कुमार की मानसिक स्थिति को लेकर जारी चिंताओं के बीच आई है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह मुद्दा सबसे पहले 2023 में दिवंगत सुशील मोदी द्वारा उठाया गया था.
राष्ट्रगान के दौरान अनुचित व्यवहार
प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री के मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता सबसे पहले उनके करीबी सहयोगी दिवंगत सुशील मोदी ने 2023 में जताई थी. पिछले कुछ वर्षों से बिहार की जनता उनके व्यवहार को देख रही है. हाल ही में राष्ट्रगान के दौरान अनुचित व्यवहार करने के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना होने के बाद उनकी पद के लिए योग्यता पर बहस तेज हो गई है. बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले और जेडीयू के नेता नीतीश कुमार पिछले सप्ताह यहां एक समारोह में राष्ट्रगान बजने के दौरान कथित तौर पर मुस्कुरा रहे थे और दर्शकों की ओर हाथ हिला रहे थे.