बिहार में बुधवार को कई जिलों में बिजली गिरने से कम से कम सात लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. यह घटना अचानक भारी बारिश और आंधी के बीच हुई, जो पूरे राज्य में फैल गई, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई और किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई, जिनकी फसलें खेतों में बची हुई हैं. अकेले बेगूसराय जिले में भगवानपुर, मुफस्सिल और बलिया थाना क्षेत्रों में अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की जान चली गई. चार अन्य जिनमें दो महिलाएं और दो लड़कियां शामिल हैं गंभीर रूप से घायल हो गए और उनका स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है.
भगवानपुर थाना क्षेत्र के मनोपुर गांव में बिजली गिरने की पहली घटना हुई. गेहूं काटने गई संजू देवी के साथ तीन लड़कियां भी थीं, तभी अचानक तेज हवा और बारिश ने उन्हें झकझोर दिया. जब वे घर लौटने की कोशिश कर रही थीं, तभी बिजली गिर गई. इनमें से एक लड़की अंशु कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य आंचल और मुस्कान गंभीर रूप से घायल हो गईं. संजू देवी भी चपेट में आ गईं. उनके परिवार वाले गहरे सदमे में हैं.
बलिया में 60 वर्षीय बिराल पासवान अपने घर से करीब 200 मीटर दूर खेत से घास इकट्ठा करते समय बिजली गिरने से मारे गए. उनकी पत्नी, जीतनी देवी गंभीर रूप से झुलस गईं और उनका इलाज चल रहा है. भगतपुर गांव के निवासी दंपति उस समय अनजान थे जब वे तूफान के दौरान खेत की उपज को बचाने के लिए भाग रहे थे.
मधुबनी जिले से तीन की मौत
मधुबनी जिले से तीन अन्य मौतें भी हुई हैं. अंधराठाढ़ी प्रखंड के अलापुरा गांव में 62 वर्षीय जाकिर हुसैन और उनकी 18 वर्षीय बेटी आयशा खातून की मौत नहर के किनारे गेहूं की बोरियों को तिरपाल से ढकने के दौरान बिजली गिरने से हो गई. वहीं, झझारपुर प्रखंड के पिपरोलिया गांव में 45 वर्षीय दुर्गा देवी की मौत उस समय हो गई जब वह अपनी गेहूं की फसल का निरीक्षण करने जा रही थी. स्थानीय पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए मधुबनी सदर अस्पताल भेज दिया है.
बिहार में गरज के साथ होने वाली चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है. मानसून के दौरान बंगाल की खाड़ी से राज्य को अक्सर भारी मात्रा में नमी मिलती है, जिससे बिजली गिरने का खतरा बढ़ जाता है.