राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर उनके साले सुभाष यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं.
सुभाष यादव का कहना है कि जब उनकी बहन राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं, तब मुख्यमंत्री आवास से अपहरण के बाद ‘सेटलमेंट’ (सौदेबाजी) हुआ करता था.
सुभाष यादव ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान यह आरोप लगाया कि राजद शासन के दौरान किसी व्यक्ति का अपहरण होने के बाद फिरौती की रकम और अन्य मामले सीधे मुख्यमंत्री आवास से निपटाए जाते थे. उनका कहना था कि इस तरह के सौदेबाजी में मुख्यमंत्री आवास की पूरी भागीदारी होती थी.
सुभाष यादव ने यह भी कहा कि इस प्रक्रिया में कोई भी अपहृत व्यक्ति अगर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त होता, तो उसकी रिहाई के लिए पहले मुख्यमंत्री आवास से निर्देश आते थे. इस समय के दौरान फिरौती को लेकर समझौते भी मुख्यमंत्री आवास में ही तय होते थे, जिससे यह साफ होता है कि मुख्यमंत्री आवास इस तरह की अपराधिक गतिविधियों का हिस्सा बन चुका था.
यह आरोप बिहार में राजनीति के बीच एक बड़ा भूचाल ला सकते हैं. सुभाष यादव के इस बयान से जहां राजद और लालू प्रसाद पर सवाल उठ रहे हैं, वहीं उनके आरोपों की जांच की मांग भी तेज हो सकती है. इस तरह के गंभीर आरोप राजनीतिक परिपेक्ष्य में निश्चित ही नया मोड़ ले सकते हैं.
सुभाष यादव ने यह आरोप लगाए हैं कि राजद के शासनकाल में इस तरह के मामलों की सच्चाई को दबाया जाता था और उन पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती थी. उनका कहना है कि यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हो, तो सच्चाई सामने आ सकती है.