वक्फ संशोधन बिल पर JDU में उथल-पुथल, डॉ मोहम्मद कासिम अंसारी ने सभी पदों से दिया इस्तीफा
वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी. इस बिल में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, उनकी निगरानी और विवादों के निपटारे से संबंधित कई बदलाव प्रस्तावित हैं. सरकार का दावा है कि ये बदलाव पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करेंगे, लेकिन विपक्ष और कई समुदायों का मानना है कि यह बिल वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर कर सकता है और धार्मिक स्वतंत्रता पर असर डाल सकता है.

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल के देर रात पास होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा रही जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने इस बिल का समर्थन किया, लेकिन पार्टी के भीतर से ही इसके खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं. इस विवाद के बीच JDU के वरिष्ठ नेता और जाने-माने चेहरे डॉ मोहम्मद कासिम अंसारी ने बिल के समर्थन को लेकर नाराजगी जताते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.
डॉ अंसारी ने अपना इस्तीफा JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा है. अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि वे और करोड़ों भारतीय मुसलमान नीतीश कुमार पर भरोसा करते थे और उन्हें सेक्युलर विचारधारा का समर्थक मानते थे. लेकिन वक्फ संशोधन बिल के समर्थन से उनका यह विश्वास पूरी तरह से टूट गया है. उन्होंने कहा कि इस कदम से न केवल वे, बल्कि समुदाय के कई अन्य लोग भी आहत और निराश हैं.
क्या है वक्फ संशोधन बिल?
वक्फ संशोधन बिल 2024 को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी. इस बिल में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन, उनकी निगरानी और विवादों के निपटारे से संबंधित कई बदलाव प्रस्तावित हैं. सरकार का दावा है कि ये बदलाव पारदर्शिता और कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करेंगे, लेकिन विपक्ष और कई समुदायों का मानना है कि यह बिल वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कमजोर कर सकता है और धार्मिक स्वतंत्रता पर असर डाल सकता है.
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान JDU के नेता ललन सिंह ने इसका समर्थन किया, जिसके बाद से पार्टी के भीतर और बाहर से कई सवाल उठने लगे. खासकर मुस्लिम समुदाय के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस फैसले पर निराशा जताई है. डॉ मोहम्मद कासिम अंसारी ने भी ललन सिंह के स्टैंड को लेकर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि यह पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ है.
पार्टी में बढ़ता असंतोष
डॉ अंसारी का इस्तीफा JDU के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है. वे पार्टी में लंबे समय से सक्रिय रहे हैं और समुदाय के बीच उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है. उनके इस्तीफे से यह साफ हो गया है कि वक्फ संशोधन बिल को लेकर पार्टी के भीतर असंतोष गहरा रहा है. कई अन्य नेता और कार्यकर्ता भी इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ सकते हैं, जिससे JDU की आंतरिक एकता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
नीतीश कुमार, जो लंबे समय से बिहार में सेक्युलर छवि के लिए जाने जाते हैं, अब इस विवाद के केंद्र में हैं. उनके समर्थकों का मानना है कि उन्होंने राजनीतिक मजबूरियों के तहत यह फैसला लिया, जबकि आलोचकों का कहना है कि यह उनकी सेक्युलर छवि पर धब्बा है.