राजनीतिक रणनीतिकार से सामाजिक कार्यकर्ता बने प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनकी नई राजनीतिक पार्टी बिहार में सत्ता में आने पर एक घंटे के भीतर शराब पर प्रतिबंध हटा देगी. 2 अक्टूबर को अपनी पार्टी, जन सुराज के शुभारंभ से पहले मीडिया से बात करते हुए पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने कहा कि उनकी नई पार्टी अपनी सरकार बनने के एक घंटे के भीतर शराब पर प्रतिबंध हटा लेगी. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून नीतीश कुमार का ढकोसला मात्र है.
प्रशांत किशोर ने वर्तमान शराबबंदी को भी अप्रभावी बताते हुए इसकी आलोचना की तथा दावा किया कि इसके कारण शराब की अवैध होम डिलीवरी को बढ़ावा मिला है तथा राज्य को संभावित उत्पाद शुल्क राजस्व में 20,000 करोड़ रुपये की हानि हुई है. 47 वर्षीय नेता ने राजनेताओं और नौकरशाहों पर अवैध शराब व्यापार से लाभ उठाने का भी आरोप लगाया.
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि वह 'योग्यता की राजनीति' में विश्वास रखते हैं और शराबबंदी के खिलाफ बोलने से नहीं कतराएंगे अन्य पार्टियों की तरह जिन्हें डर है कि ऐसा करने से उन्हें महिलाओं के वोटों की हानि हो सकती है.
किशोर ने कहा कि वह बिहार की दुर्दशा के लिए नीतीश कुमार और उनके पूर्ववर्ती लालू प्रसाद को जिम्मेदार मानते हैं, हालांकि कांग्रेस और भाजपा भी इसमें दोषी हैं. मीडिया से बात करते हुए किशोर ने पुष्टि की कि उनकी राजनीतिक पार्टी जन सुराज, जो 2 अक्टूबर को लॉन्च होने वाली है, अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं यह स्पष्ट कर दूं कि जन सुराज सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, एक भी सीट कम नहीं." किशोर इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आम आदमी पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं के चुनाव अभियान संभाल चुके हैं.