बिहार में स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर खबर सामने आई है, जिसमें राज्य के 38 जिलों में एचआईवी संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है. हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, एक अप्रैल 2024 से लेकर अक्टूबर 2024 तक बिहार के विभिन्न जिलों में एचआईवी टेस्ट के दौरान कुल 5820 लोग संक्रमित पाए गए हैं. यह आंकड़ा बिहार के स्वास्थ्य विभाग के लिए एक चेतावनी है, क्योंकि राज्य में एचआईवी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है.
रिपोर्ट में सबसे अधिक संक्रमित लोग पटना जिले से पाए गए हैं. पटना में एक लाख 33 हजार 531 लोगों का एचआईवी टेस्ट किया गया, जिसमें से 1121 लोग संक्रमित पाए गए. यह आंकड़ा जिले में संक्रमण के बढ़ते खतरे को साफ तौर पर दर्शाता है. पटना राज्य का राजधानी होने के कारण यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था और जागरूकता अभियानों का प्रभाव बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन एचआईवी के मामलों में इस तरह की बढ़ोतरी चिंताजनक है.
पटना के अलावा, बिहार के अन्य जिलों में भी एचआईवी संक्रमण के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है. अररिया जिले में 32, अरवल में 12, औरंगाबाद में 104, बांका में 29, बेगूसराय में 232, भागलपुर में 205, भोजपुर में 142, बक्सर में 69, दरभंगा में 237, पूर्वी चंपारण में 415, गया में 161, गोपालगंज में 224, जमुई में 49, जहानाबाद में 21, कैमूर में 69, कटिहार में 130 और खगड़िया में 209 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि एचआईवी का संक्रमण केवल राजधानी पटना तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में यह खतरा लगातार बढ़ रहा है.
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है. एचआईवी के संक्रमण को रोकने के लिए जागरूकता अभियानों को तेज करने की आवश्यकता है. लोगों को संक्रमण से बचने के उपायों के बारे में अवगत कराना जरूरी है. साथ ही, संक्रमित व्यक्तियों के इलाज और उपचार के लिए राज्य के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं का विस्तार किया जाना चाहिए. बिहार में एचआईवी संक्रमण की बढ़ती स्थिति स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है.