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'मुसलमानों नीतीश को वोट नहीं दिया तो गद्दार कहलाओगे', ये क्या बोल गए सुशासन बाबू के नेता

Bihar News: किशनगंज जिले में चार विधानसभा सीटें हैं, जो वर्तमान में इंडिया गठबंधन के कब्जे में हैं. जेडीयू का लक्ष्य इन सीटों को जीतना है. इसके लिए पार्टी ने अभी से मुस्लिम समुदाय को साधने की कवायद शुरू कर दी है.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
Ghulam Rasool Baliavi
Courtesy: Social Media

Bihar News: बिहार में अगले विधानसभा चुनाव के लिए अभी एक साल का समय शेष है, लेकिन सियासी गर्मी अभी से महसूस की जा रही है. विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है. जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) भी इस दिशा में सक्रिय है और राज्यभर में कार्यकर्ता सम्मेलनों का आयोजन कर रही है. इसी कड़ी में सोमवार को किशनगंज में आयोजित एक कार्यकर्ता सम्मेलन में जेडीयू नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने एक बयान देकर नई बहस छेड़ दी.

'यह चुनाव नीतीश नहीं, सीमांचल के मुसलमानों की इज्जत का सवाल'

कार्यक्रम के दौरान बलियावी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इज्जत से बढ़कर सीमांचल और बिहार के मुसलमानों की प्रतिष्ठा का सवाल है. उन्होंने कहा कि यदि मुसलमान नीतीश कुमार को वोट नहीं देंगे, तो उन्हें "गद्दार" के रूप में देखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा, "अगर आपने नीतीश कुमार का साथ नहीं दिया और किसी बाहरी हवा में बह गए, तो इसका मतलब होगा कि आप अपने ही पैरों पर खड़े होने में असमर्थ हैं."

'तीर का बटन दबाकर दीजिए देश को संदेश'

बलियावी ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि 2025 के चुनाव में जेडीयू के चुनाव चिह्न 'तीर' का बटन दबाने से यह संदेश जाएगा कि "मुसलमान गुनहगार हो सकते हैं, लेकिन देश के गद्दार नहीं." उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी एआईएमआईएम पर निशाना साधते हुए कहा कि सीमांचल में चुनाव के वक्त हैदराबाद से "बिरयानी लेकर आने वालों" का समर्थन करने का कोई औचित्य नहीं है.

सियासी विवाद के मायने

बलियावी का यह बयान न केवल विवादित है, बल्कि इसके गहरे राजनीतिक मायने भी हैं. सीमांचल, जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं, जेडीयू के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र है. यह बयान जेडीयू की कोशिश को दर्शाता है कि पार्टी मुस्लिम वोटों को गोलबंद कर विपक्षी दलों की पकड़ कमजोर करना चाहती है.